अमरोहा: प्रधानी चुनाव में वोट न देना पड़ा महंगा, मतदाता पर झूठा SC/ST एक्ट, फिर मांगी 3.5 लाख की फिरौती – जानिए पूरा मामला

अमरोहा, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पंचायत चुनाव में वोट न देने पर एक व्यक्ति को झूठे SC/ST केस में फंसा दिया गया। इतना ही नहीं, मामले को रफा-दफा करने के लिए 3.5 लाख रुपये की डील भी सामने आई है।

यह गंभीर मामला गांव खरखौदा आज़म, कोतवाली डिडौली का है, जहां रहने वाले मुनशाद अली को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उसने गांव के प्रभावशाली व्यक्ति राजेंद्र सिंह की पत्नी को वोट नहीं दिया था।

झूठे केस से शुरू हुई ब्लैकमेलिंग, दो लाख रुपये मौके पर वसूले

पीड़ित मुनशाद अली ने बताया कि चुनाव में वोट न देने पर राजेंद्र सिंह ने रंजिशवश मुनशाद, उसके भाई और बेटे के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत फर्जी केस दर्ज करवा दिया।

इसके बाद ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू हुआ। केस वापस लेने के एवज में 3.5 लाख रुपये मांगे गए, जिनमें से 2 लाख रुपये मौके पर ही वसूल लिए गए। बाकी की रकम के लिए लगातार दबाव बनाया जाता रहा।

जब पैसे देने में थोड़ी देरी हुई तो मुनशाद को धमकी दी गई –
“अगर वोट दिया होता, तो ये दिन नहीं देखना पड़ता।”

मारपीट, लूट और धमकियों की भी हदें पार

पीड़ित के मुताबिक, 30 सितंबर 2024 को आरोपियों ने उसके घर में घुसकर मारपीट और तोड़फोड़ की। इस दौरान 20 हजार रुपये नकद और कीमती जेवरात भी लूट लिए गए।

घटना में राजेंद्र सिंह, वकील अहमद, बबलू उर्फ गुड्डू, मैराज और मुजीबुर्रहमान शामिल बताए गए हैं।




अदालत की शरण में पहुंचा पीड़ित, अब दर्ज हुआ मामला

लगातार धमकियों और हमलों से परेशान होकर मुनशाद ने अदालत की शरण ली, जिसके बाद कोतवाली डिडौली में केस दर्ज किया गया।

इस मामले ने प्रधानी चुनावों में सत्ता और दबाव के खेल की एक और परत खोल दी है। साथ ही यह भी सवाल खड़े करता है कि क्या SC/ST एक्ट का दुरुपयोग अब ब्लैकमेलिंग का हथियार बनता जा रहा है?


मामला गरमाया, प्रशासन पर उठ रहे सवाल

इस पूरे प्रकरण को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है और प्रशासन पर निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।

पीड़ित पक्ष का कहना है कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए और दोषियों पर कड़ी सजा हो।

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