भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव के बीच एम्स भोपाल ने आपातकालीन चिकित्सा तैयारियों को बनाया सुदृढ़, नोडल सेंटर के रूप में करेगा कार्य

भोपाल, । भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते सैन्य तनाव की पृष्ठभूमि में देशभर में सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत किया जा रहा है। इसी क्रम में एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal) ने युद्ध जैसे आपातकालीन हालात से निपटने के लिए अपनी चिकित्सा सेवाओं को पूरी तरह से सक्रिय और सुदृढ़ कर दिया है। एक उच्च स्तरीय आपातकालीन समीक्षा बैठक का आयोजन कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें संस्थान के सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी रही।

इस बैठक में आपातकालीन चिकित्सा तैयारियों, रक्षा चिकित्सा सेवाओं से समन्वय, और स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत रणनीतियाँ तय की गईं। एम्स भोपाल ने इस संकट के समय में खुद को एक नोडल चिकित्सा केंद्र घोषित करते हुए राज्य और सैन्य अस्पतालों के साथ मिलकर कार्य करने की योजना बनाई है।

इसके तहत दो महत्वपूर्ण पत्र – एक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल को और दूसरा मिलिट्री हॉस्पिटल, बैरागढ़ के कमांडेंट को प्रेषित किए गए हैं। इन पत्रों में एम्स भोपाल ने इस बात की जानकारी दी है कि वह आवश्यकतानुसार समन्वय स्थापित कर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। साथ ही अनुरोध किया गया है कि इस सूचना को समस्त शासकीय और निजी चिकित्सा संस्थानों तक पहुंचाया जाए ताकि एक समन्वित और एकीकृत चिकित्सा प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।

संस्थान ने उप निदेशक (प्रशासन) को सभी आपातकालीन समन्वय कार्यों के लिए अधिकृत किया है ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत निर्णय लेकर प्रभावी कार्यवाही की जा सके।

इस महत्वपूर्ण निर्णय पर बोलते हुए प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “एम्स भोपाल राष्ट्रीय सेवा में समर्पित एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान है। वर्तमान संकट की घड़ी में हम पूरी निष्ठा के साथ देश के नागरिकों और सुरक्षा बलों को चिकित्सा सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी सभी तैयारियाँ पूर्ण हैं और हमारी टीम हर चुनौती का सामना करने के लिए तत्पर है।”

इस आपात स्थिति के चलते सभी फैकल्टी मेंबर, रेजिडेंट डॉक्टर, अधिकारी एवं कर्मचारी की छुट्टियाँ तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई हैं। जो कर्मचारी अवकाश पर हैं या जिन्हें पहले से छुट्टी स्वीकृत थी, उन्हें भी तुरंत ड्यूटी पर लौटने का आदेश जारी किया गया है, ताकि अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं में कोई व्यवधान न आए।

एम्स भोपाल की इस सक्रिय पहल से यह स्पष्ट होता है कि संस्थान रक्षा चिकित्सा सहायता, आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं, और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।

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