रीवा / बैकुंठपुर। मध्यप्रदेश के रीवा जिले के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र से पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करने वाला मामला सामने आया है। सूत्रों से मिली चौंकाने वाली जानकारी के अनुसार, थाने में पदस्थ एक उप निरीक्षक (SI) पर आबकारी अधिनियम के गंभीर प्रकरण में खुलेआम सौदेबाज़ी करने का सनसनीखेज आरोप लगा है। आरोप है कि आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के बाद उसे जमानत दिलाने के नाम पर 30 हजार रुपये की अवैध वसूली की गई।
सबसे हैरान करने वाली बात यह सामने आई है कि यह कथित लेन–देन थाने के उस नए ऑफिस कक्ष में कराया गया, जहां सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगे हैं। जानकारों का कहना है कि यह स्थान जानबूझकर चुना गया, ताकि किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य न रह सके। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यह महज़ संयोग है या फिर पूरी योजना के तहत किया गया ‘सेटिंग’ का खेल?
एक ओर राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय अवैध शराब के खिलाफ सख्त कार्रवाई और जीरो टॉलरेंस नीति की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर खाकी वर्दी की आड़ में कानून की खुलेआम बोली लगने के आरोप प्रशासन की साख पर बट्टा लगा रहे हैं। यदि यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह मामला न केवल पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला है, बल्कि उन ईमानदार अधिकारियों के लिए भी शर्मनाक है, जो पूरी निष्ठा से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाए कि थाने के नए कार्यालय कक्ष में सीसीटीवी क्यों नहीं लगाए गए।
अब सबसे बड़ा सवाल यही है—
क्या वरिष्ठ अधिकारी इस मामले में कठोर और निष्पक्ष कार्रवाई करेंगे?
या फिर यह मामला भी फाइलों में दबाकर समाप्त कर दिया जाएगा?
फिलहाल, जनता की निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं, और सभी को इंतजार है कि इस बार खाकी के भीतर छिपे कथित भ्रष्टाचार पर सच में शिकंजा कसा जाएगा या नहीं।
बैकुंठपुर थाना आबकारी केस में ‘सेटिंग’ का आरोप: जमानत के नाम पर 30 हजार की अवैध वसूली, पुलिस महकमे पर सवाल
