एम्स ने कलखेड़ा में फार्माकोविजिलेंस जनजागरूकता अभियान आयोजित किया, दवाओं की सुरक्षा पर दिया विशेष जोर

भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने जनस्वास्थ्य जागरूकता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और सराहनीय पहल की है। 15 अक्टूबर 2025 को एम्स के फार्माकोलॉजी विभाग द्वारा, जो क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र एवं प्रतिकूल औषधि प्रतिक्रिया निगरानी केंद्र के रूप में कार्य करता है, कलखेड़ा ग्राम पंचायत कार्यालय और शासकीय माध्यमिक शाला में एक विशेष फार्माकोविजिलेंस जनजागरूकता अभियान आयोजित किया गया।
उद्देश्य दवाओं की सुरक्षा और प्रभावशीलता पर जनजागरूकता
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य था स्थानीय समुदाय, विद्यार्थियों और शिक्षकों को दवाओं की सुरक्षा, प्रभावशीलता और प्रतिकूल औषधि प्रतिक्रियाओं की पहचान एवं रिपोर्टिंग के महत्व के बारे में जागरूक करना। इस अवसर पर आयोजित संवादात्मक सत्रों में विशेषज्ञों ने बताया कि फार्माकोविजिलेंस का अर्थ केवल दवाओं के दुष्प्रभावों की निगरानी नहीं, बल्कि मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है। प्रतिभागियों को बताया गया कि किसी भी संदिग्ध दवा प्रतिक्रिया की जानकारी टोल-फ्री हेल्पलाइन 1800-180-3024 या PvPI मोबाइल ऐप के माध्यम से दी जा सकती है। साथ ही, समुदाय को सलाह दी गई कि वे डॉक्टर की सलाह के बिना ददवा का सेवन न करें और किसी भी असामान्य प्रतिक्रिया को तुरंत रिपोर्ट करें।
एम्स भोपाल की जनस्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता
इस अभियान का आयोजन सामुदायिक एवं परिवार चिकित्सा विभाग के सहयोग से किया गया। अभियान का उद्देश्य स्वास्थ्य पेशेवरों, मरीजों और आम जनता के बीच साझी जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करना था। एम्स का यह प्रयास क्षेत्र में सुरक्षित दवा उपयोग और जनस्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
साझा जिम्मेदारी से बनेगा सुरक्षित स्वास्थ्य तंत्र
इस जनभागीदारी आधारित पहल ने यह संदेश दिया कि दवाओं का सुरक्षित उपयोग केवल डॉक्टरों या फार्मासिस्टों की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। एम्स भोपाल द्वारा किया गया यह फार्माकोविजिलेंस अभियान न केवल कलखेड़ा के निवासियों को दवा सुरक्षा के प्रति जागरूक कर गया, बल्कि प्रदेश में सुरक्षित और सशक्त स्वास्थ्य सेवाओं के निर्माण की दिशा में भी एक नया अध्याय जोड़ गया।