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एम्स भोपाल को जनजातीय विद्यालयों के बच्चों के लिए स्वास्थ्य प्रशिक्षण और पोषण शोध के लिए मिला वित्तीय अनुदान, राज्यभर के स्कूल शिक्षक होंगे प्रशिक्षित

भोपाल । एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal) को मध्यप्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुधार और पोषण संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए एक महत्वपूर्ण शोध एवं प्रशिक्षण परियोजना के तहत वित्तीय अनुदान प्राप्त हुआ है। इस परियोजना के तहत जनजातीय विद्यालयों के शिक्षकों को चिकित्सा आपात स्थितियों और पोषण की कमी जैसे गंभीर विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

यह अनुदान मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (MPCST) द्वारा “विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी लोकप्रियकरण योजना” के अंतर्गत प्रदान किया गया है। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में यह संस्थान न केवल चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है, बल्कि समुदाय आधारित स्वास्थ्य जागरूकता में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएँ:

जनजातीय स्कूलों (एकलव्य, ज्ञानोदय, कन्या शिक्षा परिसर, एक्सीलेंस स्कूल) में एक वर्ष तक संचालित होगा यह कार्यक्रम।

शिक्षकों को प्रशिक्षण: पोषण की कमी, स्त्री रोग संबंधी समस्याएँ, आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा प्रबंधन, और स्वास्थ्य जागरूकता पर विशेष ध्यान।

प्रशिक्षण गतिविधियाँ: विशेषज्ञ व्याख्यान, पोस्टर प्रतियोगिता, क्विज़, सहभागिता आधारित कार्यशालाएँ।


अनुसंधान दल और मार्गदर्शक:

प्रधान अन्वेषक: डॉ. विक्रम वट्टी (सहायक प्रोफेसर, कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग)

सहायक अन्वेषक: डॉ. भूपेश्वरी पटेल (ट्रॉमा एवं आपातकालीन विभाग) एवं डॉ. केतन मेहरा (यूरोलॉजी विभाग)


एम्स भोपाल का जनस्वास्थ्य मिशन:

प्रो. अजय सिंह ने कहा, “यह पहल एम्स भोपाल की सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा और जनजातीय कल्याण की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जब शिक्षक आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं में प्रशिक्षित होंगे, तब वे बच्चों को जीवनरक्षक सहायता देने में सक्षम होंगे। इससे राज्य की प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली और मजबूत होगी।”

यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को सशक्त बनाकर जनजातीय बच्चों के जीवन की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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