एम्स भोपाल ने मनाया गौचर रोग जागरूकता दिवस, दुर्लभ बीमारियों के शीघ्र निदान और उपचार पर दिया विशेष जोर

भोपाल, ।  एम्स भोपाल ने गौचर डिजीज़ अवेयरनेस मंथ के अंतर्गत 28 अक्टूबर 2025 को गौचर रोग जागरूकता दिवस का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इस दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी के प्रति जनसामान्य में जागरूकता फैलाना और समय पर निदान एवं उपचार के महत्व को उजागर करना था।

कार्यक्रम का आयोजन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रेयर डिजीज़ के मार्गदर्शन में बाल रोग विभाग के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर, चिकित्सा अधीक्षक (प्रभारी) प्रो. (डॉ.) विकास गुप्ता, प्रो. (डॉ.) भावना ढींगरा (नोडल अधिकारी, सीओई फॉर रेयर डिजीज़), डॉक्टर्स फॉर यू संगठन और लाइसोज़ोमल स्टोरेज डिज़ॉर्डर्स सपोर्ट सोसाइटी (एलएसडीएसएस) के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

एलएसडीएसएस के अध्यक्ष श्री मंजीत सिंह ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की चुनौतियों पर प्रकाश डाला और एम्स भोपाल के प्रयासों की सराहना की।

प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर ने कहा कि एम्स भोपाल दुर्लभ बीमारियों के निदान और उपचार में उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान करने के लिए लगातार कार्यरत है। समय पर पहचान और उचित चिकित्सा हस्तक्षेप से गौचर रोग सहित अन्य लाइसोज़ोमल स्टोरेज डिज़ॉर्डर्स से पीड़ित मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार संभव है। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. (डॉ.) विकास गुप्ता ने कहा कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम मरीजों, परिजनों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच की समझ को मजबूत करते हैं और दुर्लभ रोगों के शीघ्र निदान में मददगार सिद्ध होते हैं।



प्रो. (डॉ.) भावना ढींगरा ने एम्स भोपाल की जेनेटिक काउंसलिंग, मरीज सहायता सेवाएँ, और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के सहयोग जैसी पहलों की जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान जागरूकता पोस्टर और शैक्षणिक सामग्री भी वितरित की गईं। गौचर रोग से प्रभावित मरीजों और उनके परिजनों ने अपने अनुभव साझा करते हुए एम्स भोपाल में दी जा रही बहुविषयक चिकित्सा सेवाओं की प्रशंसा की।

कार्यक्रम का मुख्य विषय था ग्लोबल एक्शन, लोकल इम्पैक्ट: इम्पॉवरिंग कम्युनिटीज फॉर इफेक्टिव सेल्फ-एडवोकेसी, जो सामुदायिक सशक्तिकरण और आत्म-प्रवक्ता की भावना को प्रोत्साहित करता है।

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