भोपाल । एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal) और पतंजलि अनुसंधान संस्थान (Patanjali Research Institute) के बीच एकीकृत चिकित्सा (Integrative Medicine) और आयुष आधारित चिकित्सा अनुसंधान (AYUSH Research) को लेकर अहम बातचीत हुई है। हाल ही में एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ का दौरा किया और योगगुरु स्वामी रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण से मुलाकात कर संभावित शोध सहयोग और संयुक्त परियोजनाओं पर चर्चा की।
एम्स भोपाल का आयुष की ओर बढ़ता कदम: एकीकृत चिकित्सा पर जोर
दौरे के दौरान प्रो. अजय सिंह ने पतंजलि की अत्याधुनिक रिसर्च लैब और एनिमल हाउस का निरीक्षण किया और बताया कि एम्स भोपाल में इंटीग्रेटिव मेडिसिन को लेकर कई नवाचार हो रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission – NMC) द्वारा एमबीबीएस पाठ्यक्रम में आयुष (AYUSH) विषयों के समावेश और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप चिकित्सा शिक्षा में बदलाव की योजनाओं की भी जानकारी साझा की।
पतंजलि अनुसंधान संस्थान देगा वित्तीय और तकनीकी सहयोग
इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने एम्स भोपाल द्वारा जनजातीय स्वास्थ्य (Tribal Health) के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की और आश्वस्त किया कि यदि एम्स कोई प्रभावशाली शोध परियोजना प्रस्तुत करता है, तो पतंजलि अनुसंधान संस्थान उसके वित्तपोषण (Funding) और शोधार्थियों को तकनीकी सहयोग देने के लिए तत्पर रहेगा।
संयुक्त अनुसंधान से बनेगी नई स्वास्थ्य प्रणाली
प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “स्वामी रामदेव जी और आचार्य बालकृष्ण जी से बातचीत अत्यंत उपयोगी रही। हमारा उद्देश्य आधुनिक चिकित्सा और आयुष पद्धतियों का समन्वय कर एक समग्र और सुलभ स्वास्थ्य प्रणाली बनाना है। पतंजलि जैसे संस्थानों से सहयोग मिलने से अनुसंधान को नई दिशा मिलेगी, विशेषकर ग्रामीण और जनजातीय समुदायों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने में।”
एम्स भोपाल और पतंजलि अनुसंधान संस्थान में एकीकृत चिकित्सा एवं आयुष शोध सहयोग पर बड़ी पहल, जनजातीय स्वास्थ्य पर भी रहेगा फोकस
