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शराब दुकान के खिलाफ साईराम कॉलोनी में उबाल, महिलाओं और बच्चों का अनशन 11वें दिन भी जारी, प्रशासन मौन

भोपाल। शहर की साईराम कॉलोनी में स्थित शराब दुकान को हटाने की मांग को लेकर क्षेत्रवासियों का विरोध लगातार 11वें दिन भी जारी है। इस विरोध में खासतौर पर महिलाओं और स्कूल के बच्चों की भागीदारी ने आंदोलन को नया मोड़ दे दिया है। गुस्साए रहवासियों ने रविवार को शराब दुकान के सामने शांतिपूर्वक विरोध जताते हुए हलवे का प्रसाद भी वितरित किया, जिससे यह स्पष्ट संकेत दिया गया कि उनका संघर्ष अब आर-पार की लड़ाई बन चुका है।

शराब दुकान हटाने को लेकर महिलाएं और बच्चे सड़क पर
साईराम कॉलोनी की महिलाएं और स्कूली बच्चे बीते 11 दिनों से अनशन पर बैठे हैं। उनका कहना है कि इस शराब दुकान के चलते मोहल्ले में असामाजिक तत्वों की आवाजाही बढ़ गई है, जिससे आए दिन लड़ाई-झगड़े की घटनाएं हो रही हैं। इसके अलावा, शराबियों की वजह से मुख्य सड़क पर आपत्तिजनक हरकतें भी आम हो गई हैं, जिससे महिलाओं और बच्चों को असुरक्षा का माहौल झेलना पड़ रहा है।

जनता परेशान, प्रशासन मौन
स्थानीय निवासी जीतू मलोटिया ने बताया कि “जनता बेहद परेशान है। दिन हो या रात, असामाजिक गतिविधियों ने कॉलोनी का माहौल बिगाड़ दिया है। हमने कई बार प्रशासन को लिखित व मौखिक रूप से शिकायतें दी हैं, लेकिन आबकारी विभाग और प्रशासन दोनों चुप्पी साधे हुए हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आबकारी विभाग शराब दुकान के पक्ष में ‘अंधभक्त’ बन चुका है और जनता की आवाज़ को नजरअंदाज़ कर रहा है।

प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल
इस मुद्दे को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि जब क्षेत्रवासी एकजुट होकर शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं, तो प्रशासन ठोस कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा? क्या आबकारी विभाग और स्थानीय प्रशासन शराब दुकान संचालकों के दबाव में काम कर रहे हैं? अगर प्रशासन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो विरोध और तेज हो सकता है।

जनता की चेतावनी: दुकान नहीं हटी तो आंदोलन नहीं रुकेगा
साईराम कॉलोनी के लोगों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि जब तक शराब दुकान को कॉलोनी से हटाया नहीं जाता, तब तक यह विरोध और अनशन यूं ही जारी रहेगा। लोगों की मांग है कि कॉलोनी जैसे रिहायशी और संवेदनशील क्षेत्र में शराब दुकान चलाना पूरी तरह से अव्यवहारिक और गैर-जिम्मेदाराना निर्णय है।

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