
भोपाल। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के नेतृत्व में आरजीपीवी (राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों द्वारा किए गए आंदोलन के बाद प्रशासन ने कर्मचारियों की मांगें स्वीकार कर ली हैं। इसके तहत प्रशासन ने दैनिक वेतन भोगियों का श्रेणी परिवर्तन करते हुए अकुशल कर्मचारियों को अर्द्ध कुशल और अर्द्ध कुशल कर्मचारियों को कुशल श्रमिक बनाने के आदेश जारी किए हैं।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सितंबर माह में कर्मचारियों ने भूख हड़ताल कर 8 सूत्रीय मांगें प्रशासन के समक्ष रखी थीं। इनमें से आरजीपीवी प्रशासन ने 4 मांगों को स्वीकारते हुए शीघ्र आदेश जारी करने का आश्वासन दिया था। अब पहली मांग के आदेश जारी कर दिए गए हैं, जबकि शेष तीन मांगों पर 25 नवंबर तक आदेश जारी करने का लिखित समझौता हुआ है।
इन बची हुई मांगों में शामिल हैं:
1. आउटसोर्सिंग प्रथा को समाप्त कर स्थायी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के रूप में नियुक्ति।
2. 10 साल की सेवा पूरी कर चुके दैनिक वेतन भोगियों को स्थायी कर्मचारी के रूप में विनियमित करना।
3. स्थायी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों के समान अवकाश सुविधाएं प्रदान करना।
यह आदेश कर्मचारियों के संघर्ष और आंदोलन का परिणाम है, जिससे उनकी दशा में सुधार होने की उम्मीद है।





