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खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियाँ: मुफ्त राशन, किसान हित और पारदर्शी वितरण प्रणाली में ऐतिहासिक प्रगति

भोपाल । पिछले दो वर्षों में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने प्रदेश के गरीबों, किसानों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। मुफ्त राशन वितरण से लेकर पारदर्शी पीडीएस प्रणाली, किसानों से रिकॉर्ड खरीद और गैस कनेक्टिविटी के विस्तार तक—विभाग ने कल्याणकारी योजनाओं को तेज गति और प्रभावशाली तरीके से लागू किया है। यहाँ प्रस्तुत हैं विभाग की प्रमुख उपलब्धियाँ, जो जनकल्याण और सुशासन की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई हैं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना: करोड़ों परिवारों को मिला राहत का सहारा

पिछले दो वर्षों में 5 करोड़ 25 लाख से अधिक हितग्राहियों को 66 लाख मैट्रिक टन निःशुल्क राशन वितरित किया गया, जिसकी बाजार कीमत लगभग 23 हजार करोड़ रुपये है।
इसके साथ ही 5 वर्ष से कम बच्चों, 80 वर्ष से अधिक वृद्धजनों और दिव्यांगजन सहित 15 लाख हितग्राहियों को ई-KYC से छूट देकर प्रक्रिया को सरल बनाया गया।


पीडीएस में पारदर्शिता: अपात्रों की छुट्टी, नए पात्रों को लाभ

• 35 लाख अपात्र, डुप्लीकेट और मृत हितग्राहियों को सत्यापन के बाद पोर्टल से हटाया गया।
• वहीं 14 लाख नए पात्र परिवारों के नाम जोड़े गए और उन्हें पात्रता पर्ची देकर मुफ्त राशन देना शुरू किया गया।
• अन्न सेवा जागरूकता कार्यक्रम के तहत राशन वितरण की जानकारी हितग्राहियों को SMS द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है।
• वर्ष में दो बार—26 जनवरी और 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं में हितग्राही सूची पढ़ी जाती है।


उज्ज्वला व गैर-उज्ज्वला योजना: बहनों को राहत

पिछले दो वर्षों में 911 करोड़ रुपये के अनुदान से 6 करोड़ 17 लाख गैस सिलेंडर रिफिल कराए गए। शहरी क्षेत्रों में घर-घर पाइप गैस वितरण नेटवर्क का विस्तार तेजी से किया जा रहा है।

परिवहन और निगरानी प्रणाली का आधुनिकीकरण

मुख्यमंत्री अन्नदूत योजना में वाहनों में GPS लगाया गया है और राज्य स्तरीय कंट्रोल कमांड सेंटर से निरंतर निगरानी की जा रही है।


किसानों को सीधा लाभ: रिकॉर्ड समर्थन मूल्य पर खरीद

• पिछले दो वर्षों में 28 लाख किसानों से गेहूँ और धान की फसल खरीदकर 51 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
• मोटे अनाज को बढ़ावा देने हेतु कोदो 2500 रुपये/क्विंटल और कुटकी 3500 रुपये/क्विंटल की दर से उपार्जन किया गया।
• गेहूँ किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस और 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूँ खरीद की गई।

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