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5 वर्षीय नाबालिग बच्ची के अपहरण का आरोपी गिरफ्तार

हबीबगंज पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में मिली सफलता

भोपाल ।। पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अवधेश गोस्वामी के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने 5 वर्षीय नाबालिग बच्ची के अपहरण के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उपायुक्त आशुतोष गुप्ता, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रश्मि अग्रवाल दुबे, और सहायक पुलिस आयुक्त उमेश तिवारी के नेतृत्व में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

पुलिस से प्राप्त जाकारी अनुसार दिनांक 15 अक्टूबर को सूचना मिली थी कि हनुमान मंदिर (1100 क्वार्टर) के पास से एक 5 वर्षीय बच्ची अचानक लापता हो गई। बालिका की मां, जो मंदिर के पास भीख मांगती है, ने बताया कि शाम करीब 4:30 बजे बच्ची खेलते-खेलते गायब हो गई। पुलिस ने तत्काल धारा 137(2) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त स्वयं घटनास्थल पहुंचे और क्राइम ब्रांच, एफएसएल, डॉग स्क्वाड सहित 50 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों की टीमें गठित की गईं। आसपास के 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। जांच में सामने आया कि आरोपी बच्ची को गोद में लेकर आईएसबीटी बस स्टैंड की ओर गया था।

अगले दिन सुबह पुलिस टीम ने आईएसबीटी पर बच्ची को आरोपी की गोद से बरामद किया, लेकिन आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया। बालिका को तत्काल अस्पताल भेजा गया, जहां उसके साथ मारपीट की पुष्टि हुई।

रोपी की पहचान और गिरफ्तारी

वीडियो फुटेज व स्थानीय लोगों की पहचान के आधार पर आरोपी की पहचान अजीत राय उर्फ बाबू (38 वर्ष), निवासी श्याम नगर, हबीबगंज के रूप में हुई। पुलिस ने लगातार पीछा करते हुए बीती रात आरोपी को रेलवे स्टेशन बजरिया के निर्जन इलाके से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने बालिका के साथ मारपीट और अनुचित स्पर्श (बेहद शर्मनाक हरकत) की बात कबूल की है।
आगे की कार्रवाई

आरोपी को माननीय न्यायालय में पेश किया जा रहा है, जबकि फॉरेंसिक रिपोर्ट शीघ्र प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है ताकि सभी धाराओं के तहत आरोप पुख्ता किए जा सकें।

सराहनीय भूमिका

इस केस के खुलासे में थाना हबीबगंज, क्राइम ब्रांच, गोविंदपुरा, रातीबड़, हनुमानगंज, मिसरोद, और गौतम नगर पुलिस थानों की टीमों के साथ तकनीकी टीम, एफएसएल और डॉग स्क्वाड की विशेष भूमिका रही।

> यह मामला न केवल पुलिस की तत्परता का उदाहरण है बल्कि यह भी साबित करता है कि राजधानी पुलिस बच्चों के खिलाफ अपराधों को लेकर कितनी संवेदनशील और सक्रिय है।

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