कोलकाता, : एक अद्भुत प्रेरणा की कहानी सामने आई है जिसमें 35 वर्षीय पौलोमी घोष ने न सिर्फ बचपन में ओवेरियन कैंसर को हराया, बल्कि मणिपाल अस्पताल, मुकुंदपुर में प्राकृतिक रूप से एक स्वस्थ बच्ची को जन्म देकर मेडिकल साइंस की सीमाओं को नई परिभाषा दी है। यह मामला इसलिए भी खास है क्योंकि आमतौर पर ऐसे मामलों में IVF जैसी सहायक प्रजनन तकनीकों की जरूरत होती है, लेकिन पौलोमी ने बिना किसी मेडिकल सहायता के गर्भधारण कर यह सफलता पाई।
पौलोमी, जो जादवपुर की निवासी हैं और एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, ने बताया कि 1999 में मात्र आठ साल की उम्र में उन्हें ओवेरियन ट्यूमर हुआ था, जिसके चलते उनका एक डिंबाशय (ओवरी) निकालना पड़ा और उन्हें कीमोथेरेपी से गुजरना पड़ा। इस संघर्षपूर्ण अतीत के कारण मां बनना एक सपना ही बनकर रह गया था। लेकिन 2024 में उन्होंने स्वाभाविक रूप से गर्भधारण किया, जो चिकित्सकीय दृष्टिकोण से अत्यंत दुर्लभ माना जाता है।
गर्भावस्था के दौरान उन्हें तीव्र पेट दर्द और अपेंडिक्स की समस्या के चलते मणिपाल अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां डॉ. संजय मंडल की टीम ने IV एंटीबायोटिक्स से इलाज कर ऑपरेशन टाल दिया। बाद में MRI में स्थिति सामान्य पाई गई। इस दौरान, उनकी गर्भावस्था की देखरेख कर रहे डॉ. बिस्वज्योति गुहा (प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ) ने बताया कि यह केस कई कारणों से बेहद संवेदनशील और जोखिमभरा था, जिसमें गंभीर ऑब्स्टेट्रिक कोलेस्टेसिस और पुरानी चिकित्सकीय पृष्ठभूमि शामिल थी।
डॉ. गुहा ने बताया, “पौलोमी जैसी महिला, जिन्होंने बचपन में जर्म सेल कैंसर के चलते ओवरी गंवाई हो, उनके लिए प्राकृतिक गर्भधारण लगभग असंभव माना जाता है। यह मणिपाल अस्पताल में हमारा तीसरा ऐसा केस है जिसमें बचपन में कैंसर से पीड़ित महिला ने संतान को जन्म दिया, लेकिन यह पहला मामला है जिसमें IVF की मदद नहीं ली गई।”
30 अप्रैल 2025 को पौलोमी ने 38वें सप्ताह में 2.8 किलोग्राम की स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया, जिससे चिकित्सा समुदाय में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।
डॉ. अयनाभ देबगुप्ता, रीजनल सीओओ, मणिपाल हॉस्पिटल – ईस्ट, ने कहा, “यह मामला पूर्वी भारत में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और हमारे डॉक्टरों की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पौलोमी की यह यात्रा हमारे लिए भी गर्व का विषय है।”
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SEO मेटा डिस्क्रिप्शन: 35 वर्षीय पौलोमी घोष ने बचपन में ओवेरियन कैंसर को मात देने के बाद बिना IVF के प्राकृतिक रूप से बच्ची को जन्म दिया। मणिपाल अस्पताल मुकुंदपुर में यह एक दुर्लभ मेडिकल उपलब्धि है।
कोलकाता की महिला ने बचपन के कैंसर को हराकर मणिपाल अस्पताल मुकुंदपुर में प्राकृतिक रूप से दिया स्वस्थ बच्ची को जन्म – IVF के बिना दुर्लभ सफलता
