State

यादों का सिलसिला, संवेदनाओं, अनुभवों और न्याय के द्वंद से सजी एक प्रेरक पुस्तक : डीजीपी मकवाणा

भोपाल। पुलिस ऑफिसर्स मेस भोपाल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पूर्व डीजी एन. के. त्रिपाठी की पुस्तक यादों का सिलसिला का विमोचन पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा के हाथों हुआ। इस अवसर पर डीजीपी मकवाणा ने कहा कि यह पुस्तक सरल, सहज और आत्मीय लेखनी का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसमें न केवल संवेदनाएं हैं, बल्कि न्याय और प्रक्रिया के द्वंद को भी बखूबी दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक को पढ़ते हुए मेरे 37 वर्षों की पुलिस सेवा के कई प्रसंग याद आ गए। यह पुस्तक हर पुलिस अधिकारी के लिए प्रेरणास्रोत है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ चिंतक एवं मुख्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव उपस्थित थे। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि यादों का सिलसिला’ केवल संस्मरणों का संग्रह नहीं, बल्कि यह एक आत्मकथात्मक यात्रा है जिसमें प्रदेश के बदलते सामाजिक और प्रशासनिक परिदृश्यों का जीवंत चित्रण है।

कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि त्रिपाठी जी की पुस्तक में रोचकता, संवेदना और अनुभवों का अनोखा संगम है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे भी अपने अनुभवों को लेखन के माध्यम से समाज के साथ साझा करें।

मीडियावाला के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी ने पुस्तक में समाहित साहित्यिक पक्षों की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन रामजी श्रीवास्तव ने किया, आभार महेंद्र जोशी और स्वागत अजय श्रीवास्तव नीलू ने किया।

Related Articles