भोपाल (माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय समाचार): मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सृजन 3.0 कार्यक्रम का भव्य आयोजन स्वामी विवेकानंद सभागार में किया गया। साहित्य मंडली द्वारा आयोजित इस तीन-स्तरीय कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में साहित्यिक चेतना, पत्रकारिता के मानदंड और सृजनात्मकता को जाग्रत करना था।
उद्घाटन सत्र: पुस्तकों का महत्व और मौलिकता पर जोर
कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी की अध्यक्षता में हुआ। आकाशवाणी भोपाल के कार्यक्रम प्रमुख राजेश भट्ट और वरिष्ठ फिल्म समीक्षक, पत्रकार एवं लेखक अजीत राय मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कुलगुरु तिवारी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुस्तकों का अध्ययन न केवल ज्ञानवर्धक होता है, बल्कि यह जीवन को दिशा भी देता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपनी मौलिकता बचाकर रखने की भी अपील की।
राजेश भट्ट ने कहा कि “शब्दों और लेखनी की शक्ति आपको दुनिया में कहीं भी पहुंचा सकती है।” वहीं अजीत राय ने छात्रों को समय की नब्ज़ पहचानने और साहित्य में समझौता न करने की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सिनेमा ने सामाजिक बदलावों में अहम भूमिका निभाई है।
साहित्य और पत्रकारिता के संबंधों पर विमर्श
कार्यक्रम के अगले सत्र में वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ल, प्रो. दिवाकर शुक्ल और स्वदेश ज्योति के सलाहकार संपादक प्रो. शिवकुमार विवेक ने साहित्य और पत्रकारिता के आपसी संबंधों पर गहराई से चर्चा की। वक्ताओं ने बताया कि कैसे साहित्य पत्रकारिता को संवेदनशील बनाता है और समाज की सच्चाई को उजागर करता है।
रामचरित मानस और भारतीय संस्कृति पर विचार
रामचरित मानस की प्रासंगिकता विषय पर मानस भवन के अध्यक्ष रघुनंदन शर्मा, जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. संजय द्विवेदी और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के डॉ. अरुण खोबरे ने विचार रखे। इस सत्र में भारतीय संस्कृति, मूल्यों और साहित्य की वर्तमान पीढ़ी तक पहुंच पर विशेष ध्यान दिया गया।
नारी सशक्तिकरण और साहित्य: साहित्य और शक्ति परिचर्चा
“साहित्य और शक्ति” विषय पर विशेष परिचर्चा में डॉ. पी. शशिकला, डॉ. राखी तिवारी और डॉ. विनय षड़ंगी राजाराम ने नारी स्वतंत्रता और उसकी साहित्यिक अभिव्यक्ति पर अपने विचार साझा किए। वक्ताओं ने एकमत होकर कहा कि साहित्य तभी सार्थक बनता है जब वह नारी की अपनी आवाज़ को सशक्त रूप में प्रस्तुत करे।
कविता लेखन कार्यशाला: रचनात्मकता का जश्न
कार्यक्रम के अंतिम चरण में कविता लेखन कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें कवि मुदित श्रीवास्तव ने कविता की बुनियाद, भाव और विचारों की प्रस्तुति पर विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने पत्रकारिता के विद्यार्थियों को काव्य लेखन के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, विभिन्न विभागों के शिक्षकगण और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। संचालन अभिलाषा सुमन और कार्तिकेय पांडे ने किया।
भोपाल में माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सृजन 3.0 का भव्य आयोजन, साहित्य और सृजनात्मकता के विविध रंगों की अभिव्यक्ति
