
भोपाल । मध्यप्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत कार्यरत मनरेगा के लगभग 23 हजार संविदा कर्मचारी और रोजगार सहायक इस दीपावली आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। पिछले चार महीनों से वेतन न मिलने के कारण इन कर्मचारियों के घरों में त्योहार की रौनक फीकी पड़ गई है। राज्यभर में करीब 20 हजार रोजगार सहायक और 4 हजार संविदा कर्मचारी, जो विभागीय कार्यालयों में कार्यरत हैं, वेतन के अभाव में परिवार के भरण-पोषण और बच्चों की शिक्षा तक का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं। नवरात्रि और दशहरा बीत गए, अब दीपावली भी बिना वेतन के गुजरने का खतरा कर्मचारियों के सामने खड़ा है। मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौड़ ने बताया कि वेतन न मिलने से कई कर्मचारियों के बच्चों को स्कूलों से फीस न चुकाने पर नोटिस तक जारी किए जा चुके हैं। वहीं, बैंक लोन की किस्तें और घर के खर्च पूरे न कर पाने से संविदा कर्मचारियों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
रमेश राठौड़ ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री और प्रमुख सचिव को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी है कि यदि दीपावली से पहले वेतन जारी नहीं किया गया, तो राजधानी भोपाल की सड़कों पर संविदा कर्मचारी कलमबंद हड़ताल और आंदोलन करने को मजबूर होंगे। महासंघ ने कहा है कि शासन के पास कई ऐसे वित्तीय मद उपलब्ध हैं, जिनसे तत्काल भुगतान किया जा सकता है। संविदा कर्मचारियों को पहले से ही नियमित कर्मचारियों की तुलना में केवल एक-चौथाई वेतन मिलता है, और अब महीनों से रुका हुआ भुगतान उनकी जीवन-रेखा पर गहरा असर डाल रहा है। कर्मचारियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि सॉफ्टवेयर या प्रशासनिक त्रुटियों का हवाला देने के बजाय तुरंत वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए, ताकि दीपावली पर उनके घरों में भी फिर से रोशनी लौट सके।