डब्ल्यूटीएम लंदन 2025 में मध्य प्रदेश की गूंज: राज्य मंत्री श्री लोधी ने खोली वैश्विक सहयोग की नई राहें

घाना, वियतनाम और श्रीलंका के साथ पर्यटन व सांस्कृतिक साझेदारी पर हुई महत्वपूर्ण चर्चाएं
लंदन/भोपाल। वर्ल्ड ट्रैवल मार्ट (WTM) लंदन 2025 में मध्य प्रदेश ने एक बार फिर अपनी अद्वितीय पहचान दर्ज कराई। “अतुल्य भारत का हृदय” के रूप में अपनी विरासत, संस्कृति और पर्यटन क्षमता का प्रदर्शन करते हुए, पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने विभिन्न देशों के मंत्रियों और प्रतिनिधियों से मुलाकात कर वैश्विक सहयोग की नई राहें खोलीं।
श्री लोधी ने घाना की पर्यटन मंत्री सुश्री अबला द्ज़िफा गोमाशी से सांस्कृतिक साझेदारी के नए आयामों पर चर्चा की। वहीं, वियतनाम के संस्कृति मंत्री श्री गुयेन वैन हंग के साथ हुई बैठक में दोनों देशों के बीच विरासत आधारित पर्यटन, सांस्कृतिक प्रचार और संयुक्त अभियान चलाने पर सहमति बनी।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ-साथ, श्री लोधी ने आंध्र प्रदेश के पर्यटन मंत्री श्री कंदुला दुर्गेश से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत के भीतर राज्य-स्तरीय सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत करने और एक-दूसरे के पर्यटन अनुभवों से सीखने की दिशा में सहमति जताई।
इस दौरान श्रीलंका के पर्यटन मंत्री श्री विजिथा हेराथ के साथ हुई चर्चा विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही। बैठक में मध्य प्रदेश के बौद्ध सर्किट को श्रीलंका में लोकप्रिय बनाने और श्रीलंका के रामायण ट्रेल को भारतीय पर्यटकों तक पहुंचाने पर सहमति बनी। श्री लोधी ने भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के माध्यम से दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव रखा।
इसके अतिरिक्त, बकिंघमशायर काउंसिल की मेयर सुश्री प्रेरणा भारद्वाज से हुई भेंट ने ब्रिटेन में बसे भारतीय समुदाय के साथ सांस्कृतिक और पर्यटन संबंधों को और मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त किया।
इन सभी उच्चस्तरीय बैठकों ने यह सिद्ध किया कि मध्य प्रदेश न केवल भारत के पर्यटन मानचित्र का केंद्र है, बल्कि अब वह वैश्विक पर्यटन सहयोग का प्रमुख भागीदार भी बनता जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
WTM लंदन 2025 में मध्य प्रदेश का प्रभावशाली प्रदर्शन।
घाना, वियतनाम और श्रीलंका के साथ सांस्कृतिक व पर्यटन सहयोग पर चर्चा।
बौद्ध सर्किट और रामायण ट्रेल को जोड़ने की पहल।
भारतीय प्रवासी समुदाय से संबंध मजबूत करने की दिशा में कदम।



