
पचमढ़ी। संगठन सृजन प्रशिक्षण शिविर के पाँचवें दिन आज पचमढ़ी में एक अत्यंत विचारोत्तेजक सत्र आयोजित किया गया, जिसका विषय था जाति, संविधान और राजनीति (Caste, Constitution and Politics)। यह सत्र विशेष रूप से सभी जिला कांग्रेस अध्यक्षों और विधायकों के लिए आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय समाज में जाति की भूमिका, संविधान के प्रावधानों तथा कांग्रेस के सामाजिक दृष्टिकोण पर गहन चर्चा हुई।
सत्र का नेतृत्व कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के सदस्य एवं झारखंड के प्रभारी श्री के. राजू ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जाति हमारे सामाजिक और राजनीतिक जीवन की अनिवार्य सच्चाई है। इसे केवल परंपरा के रूप में नहीं, बल्कि समानता और सामाजिक न्याय के संदर्भ में समझना आवश्यक है।
श्री राजू ने संविधान में वर्णित समानता, अवसर की समानता और सामाजिक न्याय के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी सदैव इन मूल्यों को व्यवहार में लाने के लिए प्रतिबद्ध रही है। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना नीति निर्माण का सशक्त आधार बन सकती है, जिससे समाज के वंचित वर्गों तक योजनाओं का समुचित लाभ पहुँचाया जा सके।
सत्र में वक्ताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि जाति, संविधान और राजनीति ये तीनों भारतीय लोकतंत्र की आत्मा के तीन स्तंभ हैं। जब तक सामाजिक न्याय और समान अवसर की भावना पूर्ण रूप से साकार नहीं होती, तब तक संविधान की आत्मा अधूरी रहेगी। इस अवसर पर कांग्रेस के जिला अध्यक्षों, विधायकों और प्रशिक्षणार्थियों ने सक्रिय भागीदारी की तथा संगठन निर्माण में समावेशी दृष्टिकोण और समानता आधारित नेतृत्व अपनाने पर बल दिया। कार्यक्रम में उपस्थित नेताओं ने इसे पार्टी के वैचारिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल बताया।
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