
हैदराबाद में एक राजनीतिक प्रदर्शन के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक वरिष्ठ नेता की जुबान फिसल गई, जिससे पूरे देश में राजनीतिक हलचल मच गई है। देशभक्ति के नारों के बीच मंच से नेता जी ने अचानक जोर से कहा – “जय हो जय हो पाकिस्तान”, जिससे न केवल वहां मौजूद लोग हैरान रह गए, बल्कि सोशल मीडिया पर भी यह क्लिप तेजी से वायरल हो गई।
इस घटना ने हैदराबाद प्रदर्शन में BJP नेता का जुबान फिसलना जैसे मुद्दे को गरमा दिया है। विरोधी दलों ने इस बयान को लेकर BJP की देशभक्ति की सच्चाई पर सवाल उठाए हैं, वहीं समर्थकों का कहना है कि यह सिर्फ एक ‘जुबान फिसलने’ की घटना थी।
क्या यह सच में जुबान फिसलना था या अंदरूनी सोच की झलक?
राजनीतिक विश्लेषक इस बयान को केवल ‘गलती’ नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि जब नेता मंच पर होते हैं, तो हर शब्द स्क्रिप्ट और सोच के साथ बोला जाता है। ऐसे में ‘जय हो पाकिस्तान’ जैसे शब्दों का निकल जाना कहीं न कहीं देशभक्ति के दिखावे पर सवाल खड़े करता है।
लोगों का कहना है कि आजकल नेताओं के बीच चर्चा में रहने और न्यूज हेडलाइंस में आने का चलन है। ऐसे में कुछ लोग जानबूझकर विवादित बयान देते हैं ताकि सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर उन्हें कवरेज मिले।
सोशल मीडिया पर IT सेल का नया एंगल
घटना के बाद BJP समर्थकों द्वारा यह तर्क दिया जा रहा है कि वीडियो क्लिप को काटकर पेश किया गया है। उनका दावा है कि नेता ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ कह रहे थे, लेकिन हवा के झोंके में केवल ‘जय हो पाकिस्तान’ सुनाई दिया।
हालांकि विपक्ष इस दलील को सिरे से खारिज कर रहा है और कह रहा है कि देशभक्ति अगर स्क्रिप्ट पर टिकी हो, तो असली इरादे मंच पर ही उजागर हो जाते हैं।
राजनीतिक बयानबाज़ी से देशभक्ति का मूल्य गिर रहा है?
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आज की राजनीति में देशभक्ति एक स्क्रिप्टेड ड्रामा बन चुकी है? अगर मंच से ‘भारत माता की जय’ की जगह ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ निकल जाए तो ये केवल जुबान फिसलना नहीं, बल्कि विचारधारा की दरार को उजागर करता है।