
उत्तर प्रदेश पुलिस से जुड़े एक कथित सिपाही की आलीशान जीवनशैली और वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। लोग व्यंग्य और तंज के जरिए सवाल उठा रहे हैं कि जब कुछ ही वर्षों की नौकरी में बंगला, गाड़ियां और ऐशो-आराम मिल सकता है, तो फिर डॉक्टर, इंजीनियर या CA बनने की मेहनत क्यों की जाए?
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक वीडियो और पोस्ट में यूपी पुलिस के सिपाही बाबू आलोक प्रताप सिंह का नाम चर्चा में है। व्यंग्यात्मक अंदाज में लोग कह रहे हैं कि अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर या CA बनाने का सपना छोड़िए और सीधे UP पुलिस का सिपाही बनाइए। दावा किया जा रहा है कि दो साल की कमाई में ही ऐसा बंगला खड़ा हो सकता है, जैसा वीडियो में दिखाई दे रहा है।
पोस्ट में तंज कसते हुए लिखा जा रहा है कि अगर यह सफलता मॉडल पहले किसी बड़े उद्योगपति को पता होता, तो वे भी अपने बच्चों को IIT नहीं बल्कि पुलिस लाइन भेजते। इस पूरे मामले को लेकर लोग विकास, सिस्टम और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। कुछ यूजर्स का कहना है कि जब एक सिपाही की कथित तरक्की इतनी तेज है, तो फिर देश में विकास न होने की शिकायत क्यों की जाए।
हालांकि कई लोग इसे महज सोशल मीडिया का व्यंग्य बता रहे हैं, तो कुछ लोग यूपी पुलिस की छवि और जवाबदेही पर सवाल उठा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के वायरल दावे बिना आधिकारिक पुष्टि के अफवाह भी हो सकते हैं, लेकिन यह साफ है कि ऐसे मामलों से आम जनता में अविश्वास बढ़ता है।
UP पुलिस सिपाही की कथित संपत्ति और वायरल तंज ने एक बार फिर सिस्टम, ईमानदारी और जांच की जरूरत को सामने ला दिया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या संबंधित मामले में कोई आधिकारिक जांच या स्पष्टीकरण सामने आता है या नहीं।



