
भुंजिया आदिवासी समुदाय में विवाह को लेकर एक विशिष्ट परंपरा है, जिसे “कांड विवाह” कहा जाता है। हाल ही में 5 वर्ष की बच्ची का ऐसा प्रतीकात्मक विवाह किया गया, जिसमें पूरे गाँव को भोजन भी कराया गया।
दो चरणों में विवाह
भुंजिया समाज में लड़कियों की दो शादियाँ होती हैं:
1. पहली शादी — कम उम्र (अक्सर बचपन) में प्रकृति की रक्षा के प्रतीक स्वरूप किसी पेड़, पौधे या प्रतीकात्मक वस्तु से।
2. दूसरी शादी — 18 वर्ष की आयु के बाद, जब दांपत्य जीवन की वास्तविक शुरुआत होती है।
“कांड” का अर्थ
भुंजिया भाषा में “कांड” का मतलब धनुष होता है। इस परंपरा में दूल्हे (या दुल्हन) का विवाह पहले धनुष से कराया जाता है। यह प्रकृति और परंपरागत हथियारों से जुड़ाव का प्रतीक है।
सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
लगभग सभी आदिवासी समुदायों में विवाह से पहले दूल्हे का प्रतीकात्मक विवाह प्रकृति के किसी तत्व जैसे पेड़-पौधे या समुदाय की पहचान से किया जाता है। उदाहरण: बारात निकलने से पहले दूल्हे का विवाह आम के पेड़ से कराया जाता है, फिर असली बारात दुल्हन के घर जाती है।
गलतफहमी क्यों होती है
कई लोग इसे कम उम्र में वास्तविक विवाह समझ लेते हैं, जबकि असल में यह सिर्फ एक रस्म है। इसका शारीरिक संबंध या वैवाहिक जीवन से कोई संबंध नहीं होता।
महत्व
यह परंपरा प्रकृति संरक्षण, समुदाय की पहचान और पूर्वजों के आशीर्वाद को विवाह में शामिल करने का प्रतीक है। यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का एक तरीका है।





