सोशल मीडिया पर वायरल शिक्षक-छात्र वीडियो: शिक्षा व्यवस्था की गरिमा पर गंभीर सवाल

सोशल मीडिया के इस दौर में आए दिन कोई न कोई वीडियो वायरल हो रहा है, लेकिन हाल के दिनों में शिक्षक और छात्रों से जुड़े वीडियो तेजी से चर्चा में हैं। ऐसा ही एक वीडियो हाल ही में X (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर वायरल हुआ, जिस पर लोगों ने बेहद आपत्तिजनक और भद्दे कमेंट किए। इस वायरल कंटेंट ने न केवल समाज में बहस छेड़ दी है, बल्कि शिक्षा प्रणाली, शिक्षक की भूमिका और छात्रों के भविष्य को लेकर भी कई गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

आज के समय में शिक्षकों की भूमिका केवल पाठ्यक्रम पढ़ाने तक सीमित नहीं है। शिक्षक समाज के लिए मार्गदर्शक होते हैं, जिनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वे छात्रों को सामाजिक बुराइयों, अश्लीलता और सोशल मीडिया की लत से दूर रहने की सीख दें। उन्हें छात्रों को मोबाइल का सीमित उपयोग कर पढ़ाई और चरित्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

लेकिन इसके विपरीत, हाल के वायरल वीडियो में कुछ शिक्षक स्वयं छात्रों के साथ अश्लील डांस, रील्स और आपत्तिजनक कंटेंट बनाकर सोशल मीडिया पर साझा करते दिखाई दे रहे हैं। यह स्थिति न केवल चिंताजनक है, बल्कि शिक्षक-छात्र संबंधों की मर्यादा पर भी सीधा प्रहार है।

सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल होने के बाद जिस तरह की अभद्र टिप्पणियां सामने आती हैं, वह छात्रों और शिक्षकों दोनों की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं। सवाल यह भी उठता है कि क्या इस तरह का व्यवहार सामाजिक सुधार के लिए खतरा नहीं है? क्या इससे शिक्षा का स्तर और अनुशासन कमजोर नहीं हो रहा?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि शिक्षक ही अनुशासन और नैतिक मूल्यों से भटकेंगे, तो उनसे शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों का भविष्य भी अंधकार की ओर जा सकता है। ऐसे मामलों में स्कूल प्रबंधन, शिक्षा विभाग और अभिभावकों की जिम्मेदारी बनती है कि वे समय रहते हस्तक्षेप करें।

निष्कर्ष:
शिक्षकों और छात्रों से जुड़े वायरल वीडियो केवल मनोरंजन का विषय नहीं हैं, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक मूल्यों के लिए गंभीर चेतावनी हैं। समय आ गया है कि सोशल मीडिया के उपयोग पर स्पष्ट दिशा-निर्देश हों और शिक्षा की गरिमा को हर हाल में बनाए रखा जाए।

Exit mobile version