Opinion

महादेव बेटिंग ऐप कांड पर बढ़ा सियासी भूचाल: पीएमओ से प्रसार भारती तक सवालों की आंधी, लेकिन टीवी चैनलों पर सन्नाटा क्यों?

50,000 करोड़ रुपए के कथित महादेव बेटिंग ऐप घोटाले ने देश के सत्ता गलियारों में भूचाल ला दिया है। पिछले 48 घंटों से सोशल मीडिया पर लगातार तीन नाम — हिरेन जोशी (PMO), हितेश जैन (लॉ कमीशन) और नवनीत सहगल (प्रसार भारती) ट्रेंड कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इतने बड़े कथित घोटाले पर जहां डिजिटल प्लेटफॉर्म उबल रहे हैं, वहीं मुख्यधारा के टीवी चैनलों पर गहरी चुप्पी छाई हुई है। आखिर ऐसा क्यों? जांच अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है और PMO के OSD तक सवालों की आंच तेज हो चुकी है।

क्या है महादेव बेटिंग ऐप घोटाला?

दुबई से संचालित यह ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क पिछले चार वर्षों में 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का अवैध कारोबार कर चुका है। ED और CBI की जांच में यह खुलासा सामने आया कि इसके संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने हवाला नेटवर्क के माध्यम से नेताओं, पुलिस अधिकारियों, ब्यूरोक्रेट्स और कई प्रभावशाली लोगों को करोड़ों रुपए पहुंचाए। प्रमोशन के लिए बॉलीवुड सेलिब्रिटीज की शादी और इवेंट तक स्पॉन्सर किए गए।

हिरेन जोशी (OSD, PMO): क्या दिल्ली तक पहुंच गई आग?

प्रधानमंत्री कार्यालय में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाले हिरेन जोशी का नाम सामने आते ही हलचल तेज हो गई। सोशल मीडिया पर वायरल चैट्स और दस्तावेजों में दावा किया जा रहा है कि महादेव ऐप के मालिकों से उन्हें बड़ी रकम दी गई, मीडिया मैनेजमेंट और विदेशी डील्स में उनकी भूमिका थी, अचानक इस्तीफा देकर जिम्मेदारियाँ अश्विनी वैष्णव को सौंप दीं।


करीबी होने के कारण विपक्ष इसे PMO की सबसे बड़ी नैतिक परीक्षा। बता रहा है।

हितेश जैन (मेंबर, लॉ कमीशन): बेटिंग पर कानून नरम करवाने का आरोप
अप्रैल 2025 में नियुक्ति और अक्टूबर 2025 में अचानक इस्तीफा। सोशल मीडिया में यह चर्चा कि लॉ कमीशन के माध्यम से बेटिंग नियमों में ढील दिलाने की कोशिश हुई। इस्तीफे के 24 घंटे में सरकारी बंगला खाली करवाया गया।

नवनीत सहगल (चेयरमैन, प्रसार भारती): एक साल बाकी, फिर भी अचानक इस्तीफा

2 दिसंबर को उनका इस्तीफा भी सवालों के घेरे में है। हालांकि अभी तक उनकी भूमिका को लेकर कोई स्पष्ट आरोप सामने नहीं आए, लेकिन तीन बड़े इस्तीफों ने संदेहों को और मजबूत किया है।

सवालों की झड़ी, लेकिन टीवी चैनल्स मौन!

सोशल मीडिया पर #MahadevBettingScam और #HirenJoshi ट्रेंड कर रहे हैं।
विपक्ष खुलकर सवाल उठा रहा है, PMO के OSD का नाम क्यों सामने आ रहा है? विदेशों से कितना पैसा आया? किसे फायदा पहुँचा? CBI जांच क्यों नहीं? पर आश्चर्य यह कि ज्यादातर टीवी चैनल पूरी तरह चुप हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह चुप्पी ही पूरे मामले को और शक़ी बना रही है।

निष्कर्ष

महादेव बेटिंग ऐप घोटाला सिर्फ एक आर्थिक स्कैम नहीं, बल्कि यह सवाल है कि क्या देश की शीर्ष संस्थाएँ सुरक्षित हैं? क्या दिल्ली तक फैला इसका नेटवर्क और खुलासे आना अभी बाकी हैं? सोशल मीडिया जनता से पूछ रहा।
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