वाराणसी। देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में शुमार बनारस रेलवे स्टेशन इन दिनों एक नई वजह से चर्चा में है — और वो है यहां की आसमानी पार्किंग दरें। यात्रियों की मानें तो स्टेशन परिसर में बाइक की 24 घंटे की पार्किंग के ₹2400 और साइकिल की ₹1200 वसूले जा रहे हैं। इस भारी-भरकम चार्ज ने आम लोगों की जेब पर करारा प्रहार किया है।
क्या हैं दरें?
बाइक पार्किंग (24 घंटे): ₹2400
साइकिल पार्किंग (24 घंटे): ₹1200
इन दरों के सामने दिल्ली, मुंबई, भोपाल या लखनऊ जैसे बड़े स्टेशनों की पार्किंग फीस भी मामूली लगने लगी है। यात्रियों को यह समझ नहीं आ रहा कि यह कोई प्रीमियम वेलवेट पार्किंग है या फिर किसी निजी क्लब की।
यात्रियों का फूटा गुस्सा
स्टेशन पर आए यात्रियों का कहना है कि इतने अधिक शुल्क का कोई तर्क नहीं है। एक यात्री ने कहा कि बाइक का पूरा रजिस्ट्रेशन ₹2400 में हो जाता है, और यहां सिर्फ एक दिन के लिए इतना वसूला जा रहा है? ये लूट नहीं तो क्या है?”
एक बुज़ुर्ग यात्री ने व्यंग्य करते हुए कहा कि लगता है अब साइकिल भी मर्सिडीज़ जैसी हो गई है, तभी 24 घंटे में ₹1200 लग रहे हैं!”
रेलवे प्रशासन की चुप्पी
स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, इस अत्यधिक शुल्क को लेकर रेलवे प्रशासन से जब पूछा गया तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। कुछ अधिकारियों ने इसे ‘टाइपो’ या बिलिंग एरर बताया, वहीं कुछ ने ठेकेदार की मनमानी की आशंका जताई।
क्या कहती है पॉलिसी?
रेलवे की अधिकृत पॉलिसी के मुताबिक, पार्किंग शुल्क स्थानीय निविदा प्रक्रिया और प्रस्तावित रेट कार्ड के अनुसार तय किए जाते हैं। लेकिन ₹2400 और ₹1200 की यह दरें किसी भी सरकारी दर सूची से मेल नहीं खातीं। ऐसे में यह मामला अब जांच का विषय बन चुका है।
यात्रियों की मांग:
1. पार्किंग दरों की तुरंत समीक्षा की जाए।
2. ठेकेदार के बिलिंग सिस्टम की जांच हो।
3. रेलवे प्रशासन सार्वजनिक नोटिस जारी करे।
4. ऑनलाइन शुल्क दरें पारदर्शी रूप से प्रदर्शित हों।
निष्कर्ष:
बनारस रेलवे स्टेशन की यह पार्किंग व्यवस्था यात्रियों के लिए न केवल आर्थिक बोझ बन रही है, बल्कि रेलवे की साख पर भी सवाल खड़े कर रही है। यदि यह गलती है तो सुधार की जरूरत है, और यदि यह जानबूझकर हो रहा है, तो यह खुली लूट है। अब देखने वाली बात होगी कि रेलवे प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।
बनारस रेलवे स्टेशन पर पार्किंग दरों ने उड़ाए होश: बाइक पार्किंग ₹2400, साइकिल ₹1200 प्रति 24 घंटे!
