
मध्य प्रदेश अब स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की कतार में खड़ा दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा और आयुष क्षेत्र में ऐसे दूरगामी निर्णय लिए हैं, जिनका प्रभाव केवल वर्तमान तक सीमित नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों तक दिखाई देगा। एलोपैथी के आक्रामक विस्तार से लेकर आयुष के पुनरुत्थान तक, मध्य प्रदेश “बेसिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर” से आगे बढ़कर एडवांस्ड हेल्थ केयर हब बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।
चिकित्सा शिक्षा में ऐतिहासिक परिवर्तन (2003–2028)
वर्ष 2003 से पहले प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा कुछ गिने-चुने शहरों तक सीमित थी। उस समय प्रदेश में केवल 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित थे। लेकिन 2004 के बाद यह स्थिति तेजी से बदली। सागर, विदिशा, दतिया, शहडोल, खंडवा, शिवपुरी और छिंदवाड़ा जैसे जिलों में मेडिकल कॉलेज खुलने से चिकित्सा शिक्षा संभाग से निकलकर जिला स्तर तक पहुँची।
डॉ. मोहन यादव सरकार के कार्यकाल में यह विस्तार और भी तेज हुआ। केवल दो वर्षों में उतने मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए, जितने 2003 से पहले दशकों में भी नहीं खुल पाए थे। आज सिवनी, नीमच, मंदसौर, श्योपुर और सिंगरौली जैसे सुदूर जिलों में भी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं।
वर्तमान स्थिति (2025)
प्रदेश में अब कुल 33 मेडिकल कॉलेज (19 शासकीय और 14 निजी) कार्यरत हैं।
MBBS, PG और सुपर स्पेशलिटी सीटों में रिकॉर्ड वृद्धि
2003 में जहाँ MBBS की मात्र 1,250 सीटें थीं, वहीं 2025-26 में यह संख्या बढ़कर 5,550 हो चुकी है।
PG (MD/MS) सीटें बढ़कर 2,862 और सुपर स्पेशलिटी सीटें 93 तक पहुँच चुकी हैं, जो यह संकेत देती हैं कि मध्य प्रदेश अब उन्नत चिकित्सा सेवाओं का केंद्र बन रहा है।
PPP मॉडल और भविष्य की योजना (2026–28)
PPP मॉडल के तहत कटनी, धार, पन्ना और बैतूल में मेडिकल कॉलेजों के लिए MoU हो चुके हैं। 2028 तक प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 52 और MBBS सीटें 7,450 तक पहुँचाने का लक्ष्य है।
आयुष क्षेत्र में नवजागरण
आयुष विभाग में 8 नए आयुर्वेद महाविद्यालय, सैकड़ों नए पद, 12 वेलनेस टूरिज्म सेंटर और सैकड़ों आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं। आने वाले वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में आयुष विंग, पंचकर्म यूनिट और डिजिटल E-औषधि प्रणाली लागू की जाएगी।
मेडिकल कॉलेजों का विस्तार, सीटों में ऐतिहासिक वृद्धि और आयुष को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प—ये केवल आंकड़े नहीं, बल्कि इस बात का प्रमाण हैं कि डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में ‘अंत्योदय’ और ‘सर्वांगीण विकास’ के सिद्धांत पर कार्य कर रही है। मध्य प्रदेश अब न केवल स्वस्थ, बल्कि सशक्त भारत की मजबूत आधारशिला बनता जा रहा है।





