मानवता की मिसाल बना कालवाड़ थाना: पुलिसकर्मियों ने बेटी की शादी में मामा बनकर भरा 6.25 लाख का मायरा

जयपुर । जयपुर के कालवाड़ थाने की पुलिस ने संवेदना, संस्कृति और संस्कार का ऐसा उदाहरण पेश किया है, जो पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गया। जिस महिला का न पति था, न भाई—उसकी बेटी की शादी का संपूर्ण दायित्व थाने के पुलिसकर्मियों ने उठाया और मामा बनकर पूरे हर्षोल्लास से विवाह संपन्न कराया। राजस्थान की राजधानी जयपुर के कालवाड़ थाना क्षेत्र में इंसानियत और भारतीय संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला। थाने में खाना बनाने वाली महिला की बेटी की शादी थी, लेकिन परिवार में न पति था और न ही कोई भाई जो इस जिम्मेदारी को निभा सके। ऐसे में कालवाड़ थाना के सभी पुलिसकर्मी आगे आए और बेटी के “मामा” बनकर शादी की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली।

थाने के समस्त पुलिसकर्मियों ने मिलकर 6.25 लाख रुपये का मायरा भरा और शादी से जुड़े सभी खर्च टेंट, खाना, सजावट और अन्य व्यवस्थाओं का भी संपूर्ण वहन किया। पुलिसकर्मियों का यह कदम न केवल समाज में करुणा और सहानुभूति की मिसाल बना, बल्कि जनसेवा ही ईश्वर सेवा है की भावना को भी जीवंत कर दिया। कार्यक्रम में बेटी की विदाई के समय भावनात्मक दृश्य देखने को मिले। पुलिसकर्मियों ने उसे अपनी वास्तविक बहन की तरह आशीर्वाद दिया। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि भारत की सनातन संस्कृति केवल धर्म या रीति-रिवाजों में नहीं, बल्कि साझेपन और कर्तव्यभाव की परंपरा में भी निहित है। कालवाड़ थाना के पुलिसकर्मियों ने साबित कर दिया कि वर्दी केवल कानून का प्रतीक नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और मानवता की रक्षक भी है।

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