मेडिकल साइंस में ऐतिहासिक सफलता
स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों ने विकसित किए सूक्ष्म रोबोट, जो रक्त वाहिकाओं में तैरकर स्ट्रोक और थक्कों को हटाने में सक्षम

जिनेवा। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में इसे एक क्रांतिकारी उपलब्धि माना जा रहा है। स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों ने ऐसे अत्यंत सूक्ष्म मेडिकल रोबोट्स (Micro Robots / Nano Robots) विकसित किए हैं, जो मानव रक्त वाहिकाओं के भीतर तैरते हुए खतरनाक ब्लड क्लॉट्स (थक्के) को हटाने और स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थितियों में तत्काल उपचार करने में सक्षम हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ये माइक्रो रोबोट्स भविष्य में ओपन सर्जरी और जटिल ऑपरेशनों की आवश्यकता को काफी हद तक कम कर सकते हैं। खासतौर पर इमरजेंसी स्थितियों में, जब हर सेकेंड कीमती होता है, यह तकनीक हजारों जिंदगियां बचाने में अहम भूमिका निभा सकती है।


कैसे काम करते हैं ये माइक्रो रोबोट?
वैज्ञानिकों द्वारा विकसित ये रोबोट आकार में मानव बाल से भी कई गुना छोटे हैं। इन्हें रक्त प्रवाह के साथ शरीर में छोड़ा जाता है। ये रोबोट मैग्नेटिक या अल्ट्रासाउंड नियंत्रण तकनीक से संचालित होते हैं रक्त वाहिकाओं में मौजूद थक्कों की पहचान करते हैं, बिना आसपास की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए क्लॉट को तोड़ने या हटाने में सक्षम होते हैं।


स्ट्रोक के इलाज में गेम-चेंजर
अब तक स्ट्रोक के इलाज में दवाओं या सर्जरी पर निर्भर रहना पड़ता था, जिसमें समय और जोखिम दोनों अधिक होते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि माइक्रो रोबोट्स के जरिए:
स्ट्रोक का तेज और सटीक इलाज संभव होगा
ब्रेन डैमेज की आशंका कम होगी, मरीज की रिकवरी स्पीड में उल्लेखनीय सुधार आएगा।
भविष्य की चिकित्सा की झलक
शोधकर्ताओं का कहना है कि आने वाले वर्षों में इस तकनीक का उपयोग केवल स्ट्रोक ही नहीं, बल्कि हार्ट अटैक, ब्लड ब्लॉकेज
कैंसर ट्रीटमेंट, और ड्रग डिलीवरी सिस्टम में भी किया जा सकेगा।

जब तकनीक बने जीवन रक्षक
विशेषज्ञों के शब्दों में जब तकनीक सीधे जीवन बचाने लगे, तब वही सबसे बड़ा चमत्कार बन जाती है। स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों की यह खोज न सिर्फ मेडिकल साइंस को नई दिशा देती है, बल्कि यह साबित करती है कि भविष्य की चिकित्सा कम दर्द, कम जोखिम और अधिक सटीकता की ओर बढ़ रही है।

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