
चीन का प्रसिद्ध थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam) न सिर्फ दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट है, बल्कि यह पृथ्वी की गति पर भी प्रभाव डालने के लिए जाना जाता है। यह विशाल बांध, जब अपने अधिकतम जल स्तर पर होता है, तो इसमें लगभग 42 बिलियन टन पानी संचित होता है, जो एक अद्भुत भौगोलिक प्रभाव पैदा करता है।
NASA के वैज्ञानिकों के अनुसार, इस जलाशय में इतनी बड़ी मात्रा में पानी जमा होने से पृथ्वी के द्रव्यमान का वितरण बदलता है। इस परिवर्तन के कारण पृथ्वी के घूर्णन में मामूली सी धीमापन आता है और दिन की लंबाई लगभग 0.06 माइक्रोसेकंड बढ़ जाती है। हालांकि यह बदलाव इतना छोटा होता है कि सामान्य जीवन में इसे महसूस करना असंभव है, फिर भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह एक बेहद दिलचस्प और महत्वपूर्ण तथ्य है।
थ्री गॉर्जेस डैम के प्रमुख तथ्य:
स्थिति: यांग्त्ज़ी नदी, हुबेई प्रांत, चीन
जल संग्रहण क्षमता: लगभग 42 बिलियन टन
वैज्ञानिक प्रभाव: पृथ्वी का घूर्णन धीमा और दिन की लंबाई में 0.06 माइक्रोसेकंड की वृद्धि
अन्य विशेषताएं: दुनिया की सबसे बड़ी हाइड्रोपावर परियोजना, बाढ़ नियंत्रण और जल परिवहन में महत्वपूर्ण योगदान
थ्री गॉर्जेस डैम का निर्माण न केवल ऊर्जा उत्पादन और बाढ़ नियंत्रण के लिए किया गया था, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर इंजीनियरिंग की एक अद्भुत मिसाल भी है। इसके पर्यावरणीय और भूगर्भीय प्रभावों पर आज भी वैज्ञानिक समुदाय अध्ययन कर रहा है।
यह तथ्य कि एक मानव निर्मित संरचना पृथ्वी जैसे विशाल ग्रह के घूर्णन को प्रभावित कर सकती है, अपने आप में इंजीनियरिंग और विज्ञान की अद्वितीय सफलता को दर्शाता है।





