हैदराबाद के काला पत्थर में प्राचीन हनुमान मंदिर बना ‘विवादित स्थल’, न सफाई की अनुमति, न दर्शन का अधिकार

हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के काला पत्थर क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन हनुमान मंदिर इन दिनों विवाद और उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। हालात यह हैं कि इस मंदिर में हिंदू श्रद्धालुओं को न तो दर्शन की अनुमति है, और न ही मंदिर की नियमित साफ-सफाई की जा सकती है। यह मंदिर अब ‘विवादित स्थल’ के रूप में घोषित किया जा चुका है, जिसके कारण प्रशासनिक हस्तक्षेप और सुरक्षा प्रतिबंध लगे हुए हैं।

धार्मिक स्थल की उपेक्षा पर उठ रहे सवाल

यह स्थिति न केवल हिंदू धर्मावलंबियों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुँचाती है, बल्कि एक महत्वपूर्ण सवाल भी खड़ा करती है—क्या धार्मिक स्थलों की देखभाल और श्रद्धालुओं के अधिकारों की रक्षा नहीं होनी चाहिए?

स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया यूज़र्स का कहना है कि मंदिर की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है और वहाँ कोई नियमित पूजा-पाठ या सेवाएं नहीं हो पा रहीं। यह स्थिति एक धार्मिक स्थल के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

टाइगर राजा सिंह और माधवी लता से उम्मीदें

स्थानीय भाजपा नेता टाइगर राजा सिंह और हिंदू नेता माधवी लता को इस मामले में हिंदू जनभावनाओं का समर्थन प्राप्त है। लोगों को उम्मीद है कि ये दोनों नेता इस हनुमान मंदिर के जीर्णोद्धार और पुनः दर्शन शुरू कराने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।

संभल जैसे मामलों की पुनरावृत्ति

यह मामला संभल, उत्तर प्रदेश के उस घटनाक्रम से मिलता-जुलता है, जहाँ धार्मिक स्थल को लेकर प्रशासनिक अड़चनें सामने आई थीं। अब हैदराबाद का यह काला पत्थर हनुमान मंदिर भी उसी राह पर जाता दिख रहा है, जहाँ आस्था और अधिकार दोनों ही संकट में हैं।


प्रशासन से यह अपेक्षा की जा रही है कि वह जल्द से जल्द स्थिति की समीक्षा करे और हिंदू श्रद्धालुओं को दर्शन, पूजा और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिलाए।

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