Opinion

मोहन सरकार के दो साल पूरे…सीएम ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस:बोले- नक्सलवाद खत्म कर सिस्टम मजबूत किया

लेखक : संजय सक्सेना, वरिष्ठ पत्रकार

अब नदी जोड़ो परियोजना आगे बढ़ रहे


एमपी की मोहन सरकार को 2 साल पूरे होने जा रहे है। ऐसे में भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। सीएम ने कहा कि प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर सबसे बड़ी समस्या थी। छत्तीसगढ़ से लगे मध्यप्रदेश के कई इलाके नक्सलवाद से प्रभावित रहे, जहां एक साथ 17-17 पुलिसकर्मियों की हत्या तक कर दी गई।
यहां तक कि एक मंत्री को घर से निकालकर थाने के पास कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई थी। उस समय समानांतर थाने, समानांतर कोर्ट और समानांतर सत्ता चलने लगी थी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में डेडलाइन तय की, तब सभी को लगा कि यह संभव होगा भी या नहीं। लेकिन कई पुलिस अधिकारी स्वयं आगे आए और बालाघाट में ड्यूटी की मांग की, जिससे नक्सलवाद खत्म करने में बड़ी मदद मिली।
हमारे जवानों और नागरिकों को सलाम’

मंडला, बालाघाट और डिंडोरी में नक्सली समस्या खत्म करना प्रदेश के लिए एक बड़ा उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि “हमारे जवानों और आम नागरिकों ने इसकी बड़ी कीमत चुकाई है, मैं उन सभी को सलाम करता हूं।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब जरूरत है कि सिस्टम को इतना मजबूत बनाया जाए कि यह समस्या दोबारा सिर न उठा सके।

नदी जोड़ो अभियान पर बोलते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इन परियोजनाओं से प्रदेश में सिंचाई का रकबा तेजी से बढ़ रहा है। परस्पर सौहार्द के तहत राजस्थान और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों में पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदी का पानी पहुंचने से बड़ी राहत मिलेगी।

शिप्रा में स्नान हो सके, इसलिए बनाई 800 करोड़ की योजना

उज्जैन की शिप्रा नदी में दो तरह की चुनौतियां थीं। पिछले सिंहस्थ में साधु-संतों ने गंभीर नदी के पानी से स्नान किया था। स्नान तो हुआ और सिंहस्थ संपन्न हुआ, लेकिन शिप्रा नदी का पानी उपलब्ध नहीं था। इस बार जल संसाधन विभाग ने व्यवस्था कर दी है कि सिंहस्थ में शिप्रा नदी के जल से स्नान हो सके। इसके लिए लगभग 800 करोड़ रुपए की योजशिप्रा में स्नान हो सके, इसलिए बनाई 800 करोड़ की योजना

उज्जैन की शिप्रा नदी में दो तरह की चुनौतियां थीं। पिछले सिंहस्थ में साधु-संतों ने गंभीर नदी के पानी से स्नान किया था। स्नान तो हुआ और सिंहस्थ संपन्न हुआ, लेकिन शिप्रा नदी का पानी उपलब्ध नहीं था। इस बार जल संसाधन विभाग ने व्यवस्था कर दी है कि सिंहस्थ में शिप्रा नदी के जल से स्नान हो सके। इसके लिए लगभग 800 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है।

मध्यप्रदेश में एक राज्य के अंदर दो नदियों को जोड़ने का अभियान भी शुरू किया गया है। इसके तहत गंभीर और खान नदी को मिलाने के लिए टनल बनाकर नदी से नदी जोड़ने का काम किया गया है। ऊपर खेती होती है और नीचे नदी की धारा बहती है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भोपाल में पहले जीआईएस सुविधा उपलब्ध नहीं थी, जिसे उनकी सरकार ने लागू किया। इसके अलावा, सागर में खाद का कारखाना चालू होने से यूरिया और अन्य खाद की आपूर्ति में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने न केवल व्यवस्थाएं चलाईं, बल्कि दूरदर्शी सोच के साथ ऐसे प्रोजेक्ट भी पूरे किए जो सामान्यतः लंबा समय लेते।ना बनाई गई है।
भोपाल गैस त्रासदी के कचरे का निष्पादन हमने किया’

इंदौर की हुकुम चंद मिल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 300 से 400 करोड़ के बकाया में उलझी मिल का निराकरण होने के बाद अब 70 से 80 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट यहां लगने वाला है। उन्होंने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी के कचरे का निष्पादन करने का काम उनकी सरकार ने किया है।

डिप्टी सीएम बोले- विकास और विरासत दोनों पर ध्यान

कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ मध्यप्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जा रहे हैं। इन दो वर्षों में विकास और विरासत दोनों पर विशेष ध्यान दिया गया है।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि विकास और सेवा के ये दो वर्ष अच्छे शासन, पारदर्शिता और त्वरित निर्णयों के लिए जाने जाते हैं। त्वरित कार्यवाही से भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में कैबिनेट बैठकें आयोजित करके क्षेत्रीय विकास को प्राथमिकता दी है।

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