हरियाणा से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। कड़ाके की ठंड में एक महिला अपनी ही नवजात बच्ची को खुले आसमान के नीचे घास पर छोड़कर चली गई। मासूम बच्ची रोती रही, सहमी रही, लेकिन उसे संभालने वाला कोई इंसान पास नहीं था।
लेकिन रात होते-होते जो हुआ उसने हर किसी की आँखें नम कर दीं, एक कुतिया, जो अपने पिल्लों को दूध पिला रही थी, वह उस नवजात के पास आकर बैठ गई। उसने बच्ची को अपने पिल्लों के बीच पूरी रात रखा, ताकि मासूम को ठंड से बचाया जा सके। उसके शरीर की गर्माहट और पिल्लों के बीच बनी जगह ने नवजात की जान बचा ली।
अगली सुबह गांव वाले जब मौके पर पहुंचे तो देखकर दंग रह गए कि जिस इंसान ने बच्ची को त्याग दिया, उसी बच्ची को एक जानवर ने ममता से ढक कर सुरक्षित रखा था।।कुछ ही देर में यह घटना पूरे इलाके में फैल गई। लोग कहते नहीं थक रहे थे कि जहाँ इंसानों में दया खत्म होती जा रही है, वहीं जानवरों में इंसानियत दिख रही है। इंसान छोड़ गए इंसानियत… तब एक कुतिया ने निभाई ममता।
कोई माँ अपनी ही नवजात बच्ची को इस तरह कैसे छोड़ सकती है?
यह सवाल हर दिल को चुभ रहा है। लेकिन उसी क्षण यह एहसास भी होता है कि ममता का रूप सिर्फ इंसानी नहीं होता—कभी-कभी जानवर भी वह कर दिखाते हैं, जो इंसान नहीं कर पाते।
कड़कड़ाती ठंड में नवजात को त्यागा, कुतिया बनी उसकी रक्षक – इंसानियत पर बड़ा सवाल
