जिस उम्र में बाकी पक्षियों के बच्चे बस चहकना सीखते हैं, उसी उम्र में शाहीन (Peregrine Falcon) अपनी अगली पीढ़ी को कठोर प्रशिक्षण देता है। मादा बाज़ अपने चूज़ों को घोंसले से ऊँचाई पर ले जाकर उड़ान भरना सिखाती है। यही कारण है कि बाज़ की उड़ान साधारण नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे तेज़ उड़ानों में गिनी जाती है।
बाज़ 320–400 km/घंटा की रफ्तार से आसमान चीरते हुए नीचे गिर सकता है। उसकी तेज़ नज़र 1.5–2 किलोमीटर दूर बैठे शिकार को भी देख लेती है। और जब झपट्टा मारता है तो शिकार के बचने की संभावना लगभग शून्य होती है।
केवल पक्षी नहीं, बल्कि प्रेरणा का प्रतीक है बाज़। उसकी कहानी हमें सिखाती है कि ऊँचाइयों को छूने के लिए कठिन प्रशिक्षण, धैर्य और दृढ़ इच्छाशक्ति ज़रूरी है।
इसलिए कहते हैं – “अगर ऊँचाइयों तक पहुँचना है, तो शाहीन की तरह सोचो और उड़ो।”
L
🦅 बाज़ : साहस और ऊँचाइयों का प्रतीक
