
नई दिल्ली/चेन्नई । तमिलनाडु की राजनीति में भाजपा और एआईएडीएमके (AIADMK) के संभावित गठबंधन को लेकर हलचल तेज हो गई है। गृह मंत्री अमित शाह और एआईएडीएमके नेता एडप्पाडी के. पलानीस्वामी (EPS) के बीच हुई मुलाकात ने इन अटकलों को और हवा दी है। सूत्रों के अनुसार, शाह इस बातचीत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन EPS फिलहाल गठबंधन को लेकर हिचकिचा रहे हैं।
EPS-अमित शाह मुलाकात की बड़ी बातें
EPS ने गृह मंत्री से सीधे बातचीत पर जोर दिया। भाजपा आलाकमान चाहता है कि एआईएडीएमके एनडीए में शामिल हो, लेकिन EPS अब तक हिचकिचा रहे हैं। ओ. पन्नीरसेल्वम (OPS) और AMMK पहले से ही एनडीए में हैं, लेकिन EPS इस समीकरण से संतुष्ट नहीं दिख रहे। अमित शाह ने AIADMK को आश्वासन दिया कि गठबंधन उनके हितों को ध्यान में रखकर ही होगा। भाजपा का फोकस EPS के नेतृत्व वाली AIADMK के साथ सीधा गठबंधन करने पर है, न कि OPS और AMMK के साथ।
भाजपा-एआईएडीएमके गठबंधन की अहमियत क्यों?
तमिलनाडु में भाजपा के लिए AIADMK एक मजबूत सहयोगी हो सकती है। EPS भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर सतर्क रुख अपना रहे हैं क्योंकि AIADMK का वोटर बेस गठबंधन के असर को लेकर बंटा हुआ है। भाजपा को तमिलनाडु में पैर जमाने के लिए एक मजबूत क्षेत्रीय सहयोगी की जरूरत है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भाजपा EPS को मना लेती है, तो तमिलनाडु में लोकसभा चुनावों में एनडीए को मजबूती मिल सकती है। दूसरी ओर, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि AIADMK का भाजपा से सीधा गठबंधन करने से पार्टी को नुकसान भी हो सकता है। EPS के सामने OPS और AMMK के साथ भाजपा की बढ़ती नजदीकियों को लेकर भी सवाल हैं।





