बदायूं में अनोखी पुलिस कार्रवाई: नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप में लड़कों की माताओं की गिरफ्तारी

बदायूं । उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे प्रदेश में कानून, सामाजिक जिम्मेदारी और अभिभावकों की भूमिका पर नई बहस छेड़ दी है। आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा को परेशान करने के आरोप में पुलिस ने सीधे आरोपियों की माताओं को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि यह कदम समाज में अच्छे संस्कार और अभिभावकीय जिम्मेदारी को लेकर सख्त संदेश देने के लिए उठाया गया।
क्या है पूरा मामला?
बदायूं में आठवीं कक्षा की एक छात्रा ने चार नाबालिग लड़कों पर उसे परेशान करने का आरोप लगाया। हैरानी की बात यह रही कि सभी आरोपी लड़के 13 वर्ष से कम उम्र के हैं। Juvenile होने के कारण पुलिस ने सीधे बच्चों की गिरफ्तारी न करते हुए एक अलग रास्ता अपनाया और चारों लड़कों की माताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस का तर्क था कि बच्चों के गलत व्यवहार के लिए कहीं न कहीं माता-पिता की परवरिश और निगरानी की कमी जिम्मेदार है।
पुलिस की कार्रवाई और प्रशासनिक कदम
महिलाओं को बीते शुक्रवार को हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) के समक्ष पेश किया गया। प्रशासन ने उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह गिरफ्तारी दंड से अधिक चेतावनी और सामाजिक संदेश देने की कार्रवाई थी।
क्यों सही माना जा रहा है यह तरीका?
स्थानीय स्तर पर इस कार्रवाई को कई लोग सही और जरूरी मान रहे हैं। उनका कहना है कि आज के समय में केवल बच्चों को नहीं, बल्कि उनके अभिभावकों को भी जवाबदेह ठहराना जरूरी है। इससे समाज में यह स्पष्ट संदेश जाता है कि बच्चों के गलत आचरण की जिम्मेदारी सिर्फ स्कूल या समाज की नहीं, घर की भी है।
बदायूं की यह घटना भले ही विवादास्पद हो, लेकिन इसे सामाजिक चेतना जगाने वाला कदम माना जा रहा है। पुलिस की यह कार्रवाई यह बताने के लिए काफी है कि नाबालिग अपराधों पर अब केवल सहानुभूति नहीं, जिम्मेदारी भी तय होगी।



