एम्स भोपाल के सर्जनों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ाया भारत का गौरव, दुबई में प्रस्तुत की उन्नत सर्जरी तकनीकें

भोपाल। चिकित्सा, शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एम्स भोपाल लगातार नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। हाल ही में एम्स भोपाल के दो वरिष्ठ सर्जनों — प्रो. (डॉ.) मनाल एम. खान (प्रोफेसर एवं प्रमुख, बर्न्स एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग) और डॉ. गौरव चतुर्वेदी (अतिरिक्त प्रोफेसर, बर्न्स एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग) — ने दुबई (यूएई) में आयोजित इंटरनेशनल हैंड एंड रिस्ट कॉन्ग्रेस एवं हैंड थेरेपी सिम्पोजियम में भारत का प्रतिनिधित्व किया। यह प्रतिष्ठित आयोजन एमिरेट्स हैंड सर्जरी सोसाइटी और सिंगापुर सोसाइटी फॉर हैंड सर्जरी के संयुक्त तत्वावधान में हुआ, जिसमें विश्वभर के अग्रणी विशेषज्ञों ने हाथ और कलाई की जटिल चोटों, सर्जरी तकनीकों और उपचार विधियों पर विचार-विमर्श किया।
सम्मेलन में प्रो. (डॉ.) मनाल एम. खान ने फ्लैप कवरेज ऑफ हैंड एंड रिस्ट डिफेक्ट्स विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने गंभीर हाथ और कलाई की चोटों के उपचार के दौरान अपनाई जाने वाली उन्नत सर्जरी तकनीकों और पुनर्निर्माण विधियों पर गहन जानकारी साझा की। वहीं डॉ. गौरव चतुर्वेदी ने फर्स्ट डॉर्सल मेटाकार्पल आर्टरी (FDMA) फ्लैप पर अपनी नवीन ऑपरेटिव तकनीक प्रस्तुत की, जिसे अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने सराहा और इसे एक महत्वपूर्ण क्लिनिकल इनोवेशन बताया।
इस आयोजन में शामिल चर्चाओं और तकनीकी सत्रों से प्रतिभागियों को हाथ और कलाई से संबंधित सर्जरी की जटिलताओं और नवीनतम उपचार पद्धतियों की गहरी समझ प्राप्त हुई। एम्स भोपाल की यह अंतरराष्ट्रीय भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि संस्थान भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक चिकित्सा समुदाय में भी उत्कृष्ट शोध, नवाचार और अकादमिक गुणवत्ता के लिए अग्रणी भूमिका निभा रहा है।



