अमेठी | उत्तरप्रदेश । देश की सीमाओं की रक्षा में तैनात जवान जब खुद के घर और जमीन की रक्षा न कर पाए, तो यह देश के लिए भी चिंता का विषय बन जाता है। अमेठी जनपद के संग्रामपुर थाना क्षेत्र के कनू गांव निवासी भारतीय सेना के जवान बृजेश कुमार दुबे की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पुंछ बॉर्डर पर तैनात यह जवान इन दिनों अपने ही गांव में भूमाफिया जैसे व्यवहार का शिकार है। आरोप है कि गांव के कुछ दबंग अनुसूचित जाति के लोगों ने उनकी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है और विरोध करने पर SC-ST एक्ट में फंसाने की धमकी दी जा रही है।
जमीन की रजिस्ट्री के बाद भी कब्जा
फौजी बृजेश दुबे ने डेढ़ वर्ष पूर्व हरिभूषण और हरिमोहन श्रीवास्तव से गाटा संख्या 813 और 814 की भूमि का वैनामा करवाया था। लेकिन पोस्टिंग पर जाने के बाद गांव के कुछ लोगों—सुरेंद्र, मथुरा और सतीश—ने इस जमीन पर जबरन कब्जा करना शुरू कर दिया। जब बृजेश ने इसका विरोध किया तो उसे मारने-पीटने की धमकी दी गई। सबसे चिंताजनक बात यह रही कि उसे SC-ST एक्ट में फंसाने की धमकी भी दी गई।
शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं
फौजी ने स्थानीय अधिकारियों से कई बार इस मामले की शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। आखिरकार परेशान होकर वह अपनी पत्नी के साथ अमेठी उपजिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गया।
धरने की जानकारी मिलते ही उपजिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम गठित कर तत्काल मौके पर भेजी है।
जातीय राजनीति बनाम सैनिक की पीड़ा
इस घटना ने एक बार फिर यह प्रश्न खड़ा कर दिया है कि जब देश की सेवा में तैनात एक सैनिक की संपत्ति सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों का क्या हाल होगा? यह मामला न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि SC-ST एक्ट के संभावित दुरुपयोग की चिंता को भी गहराता है।
समाधान की राह
यह आवश्यक है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, यह भी ज़रूरी है कि जिन कानूनों का उद्देश्य दलितों की रक्षा करना है, उनका दुरुपयोग करके समाज में एक और वर्ग को प्रताड़ित न किया जाए।
अमेठी में फौजी की जमीन पर कब्जा, SC-ST एक्ट की धमकी से परेशान होकर पत्नी संग धरने पर बैठा सैनिक
