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पहलगाम आतंकी हमले में बड़ा खुलासा: लश्कर-ए-तैयबा का कुपवाड़ा निवासी टीचर निकला मास्टरमाइंड, NIA ने खोली पाकिस्तान से घुसपैठ की परतें

पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। एजेंसी के मुताबिक इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर फारुख अहमद का हाथ है, जो जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का रहने वाला है और पेशे से एक टीचर रहा है। यह वही शख्स है जिसने घाटी के पहाड़ी रास्तों का इस्तेमाल कर आतंकवादियों की सुरक्षित घुसपैठ करवाई और हमले की पूरी साजिश रची।

NIA की जांच रिपोर्ट के अनुसार फारुख अहमद इस समय पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में छिपा हुआ है और वहीं से वह घाटी में आतंकियों की घुसपैठ को अंजाम दे रहा है। वह पाकिस्तान के तीन अलग-अलग सेक्टरों से आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर में भेज रहा है और इस काम में उसे घाटी के पहाड़ी और गुप्त रास्तों की बेहतरीन जानकारी का फायदा मिल रहा है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि फारुख ने कश्मीर में एक मजबूत ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) नेटवर्क तैयार किया था, जिसकी मदद से पाकिस्तान से आए आतंकवादियों को रसद, शरण और जानकारियां मुहैया करवाई जाती थीं। यह नेटवर्क पिछले दो सालों में हुए कई बड़े आतंकी हमलों में सक्रिय रहा है।

पहलगाम हमला एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था, जिसे फारुख ने पूरी योजना के साथ अंजाम तक पहुंचाया। यह खुलासा न केवल लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी रणनीति को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि पाकिस्तान में बैठे कमांडर अब स्थानीय टीचरों और नागरिकों को कट्टरपंथ के जाल में फंसाकर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।

NIA की इस रिपोर्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियां फारुख अहमद की गिरफ्तारी के लिए इंटरनेशनल स्तर पर प्रयास कर रही हैं। वहीं घाटी में घुसपैठ के रूट्स की पहचान कर कड़ी निगरानी शुरू कर दी गई है।

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