लेखक : अरुण पटेल, प्रबंध संपादक सुबह सवेरे
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मुख्यमंत्री मोहन यादव, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और महामंत्री संगठन हितानंद शर्मा की पसंद को तरजीह देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने जो अपनी 29 सदस्यीय टीम गठित की है उसमें 16 नये चेहरे हैं जबकि 13 पुराने चेहरों को तरजीह दी गयी है जिसमें 7 महिलाएं भी शामिल हैं। अब हेमंत खंडेलवाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती पूरे प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा लिए जा रहे निर्णयों और जनहितैषी कार्यों को मैदानी स्तर तक पहुंचाने और उसे जनमानस के दिलोदिमाग में बिठाने की चुनौती होगी ताकि भाजपा का बढ़ा हुआ जनाधार और अधिक व्यापक हो सके। जहां तक नेताओं और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पसंदीदा व्यक्तियों को सवाल है उन्हें भी नई टीम में जगह मिल गयी है। मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल को पुनः वही दायित्व सौंपा गया है जो उन्होंने अभी तक बड़ी कुशलता व दक्षता से निभाया है। जिन लोगों की छुट्टी की गयी है वह किसी न किसी कारण या तो सुर्खियों में रहे या फिर उन्होंने ऐसा कुछ किया जो संगठन को रास नहीं आया।
पदाधिकारियों की नियुक्ति के बाद जैसा आमतौर पर भारतीय जनता पार्टी में होता आया है, नये पदाधिकारियों को नसीहत व उपदेशों की घुट्टी पिलाई गई है। इसका कितना असर हुआ यह तो नये पदाधिकारियों की कार्यशैली के सामने आने के बाद पता चलेगा। किसी भी पार्टी की छवि जनमानस में उसके पदाधिकारियों के कार्य-व्यवहार एवं आचार-व्यवहार से बनती है और इसी से बिगड़ती भी है। ऐसा अक्सर देखने में आता है कि ‘प्यादे से फर्जी भयो टेढ़ो- टेढ़ो जाए‘‘, इससे यदि नये पदाधिकारी बच सके तो फिर इसका अच्छा-खासा प्रभाव देखने में नजर आ सकता है। क्योंकि आम जनमानस तो इसे ही पार्टी का आचरण-व्यवहार मानती आई है। यही कारण है कि पदाधिकारियों को यह नसीहत दी गयी कि वे ऐसा कोई काम न करें जिससे पार्टी की छवि व कार्यकर्ताओं के मन पर विपरीत असर पड़ता हो। नये पदाधिकारियों से अपेक्षा की गयी है कि वे जमीन से जुड़कर रहें, यानी कार्यकर्ताओं के बीच रहें और सबको साथ लेकर चलें। नसीहत की यह घुट्टी भाजपा के राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, मुख्यमंत्री मोहन यादव और स्वयं प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने वर्चुअली पिलाई।
नये पदाधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया गया कि फिलहाल बिहार चुनाव में प्रदेश के नेता व्यस्त हैं इसलिए बैठक आयोजित नहीं हो रही है और पहली बैठक बिहार चुनाव के बाद होगी। लेकिन सभी पदाधिकारियों से कहा गया है कि वे अपनी-अपनी जिम्मेदारियों के अनुसार अभी से काम में जुट जायें। भाजपा के आगामी कार्यक्रम को लेकर भी नयी टीम को दिशा निर्देश जारी कर दिये गये हैं। फिलहाल तो नये पदाधिकारियों से यही अपेक्षा की गयी है कि वे आत्मनिर्भर भारत अभियान से जुडें, अपनी सहभागिता बढ़ायें और आगामी 31 अक्टूबर को लौह पुरुष और भारत के पहले उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती से जुड़े कार्यक्रमों में अधिक से अधिक सक्रिय रहें। भाजपा का समूचा ध्यान इस समय आदिवासी समाज के बीच अपनी पैठ बढ़ाना और उन्हें पार्टी से जोड़ने का है और इसीलिए 15 नवम्बर को भाजपा की ओर से बिरसा मुंडा जयंती पर जनजाति गौरव दिवस मनाया जायेगा। ऐसे में पार्टी प्रदेश के सभी आदिवासी जिलों में अपनी सक्रियता बढ़ायेगी और इसमें नये पदाधिकारियों से भी अपनी सक्रियता बढ़ाने की अपेक्षा की गयी है।
और यह भी
नीति आयोग के सहयोग से मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार द्वारा विकसित मध्यप्रदेश 2047 का दृष्टि पत्र तैयार किया जा रहा है उसका विमोचन मध्यप्रदेश स्थापना दिवस 1 नवम्बर को होगा। इसी दिन डाॅ. यादव की उपस्थिति में इनवेस्ट एमपी और एमपी ई-सेवा पोर्टल भी लांच किया जायेगा। इसके साथ ही तीन दिवसीय कार्यक्रम भी होंगे जिसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जायेगी। इन आयोजनों के लिए सरकार हर जिले को व्यवस्था के लिए एक-एक लाख रुपये दे रही है। बाकी व्यवस्था कलेक्टर अपने स्तर पर करेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग जो निर्देश दिये गये हैं उनमें जिला स्तरीय कार्यक्रमों के अंतर्गत जिला मुख्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिलावार उत्कृष्ट कार्यों से सम्बद्ध गौरव चरित्रों पर केंद्रित जिला उत्पादों का प्रदर्शन और उत्कृष्ट कार्यों से संबंधित प्रदर्शनी लगाई जायेगी और सभी कार्यक्रमों से संबंधित तैयारियों की जानकारी से जिले के प्रभारी मंत्री को अवगत करायेंगे एवं उनके परामर्श से कार्यक्रम को अंतिम रुप देंगे।
हेमंत के सामने भाजपाइयों को साधने की चुनौती
