नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक चरण शुरू, गृह मंत्रालय का बड़ा ऐलान

नई दिल्ली । देश में नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन की दिशा में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब अंतिम समय-सीमा तय कर दी है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण का आख़िरी अवसर अब सीमित समय तक ही रहेगा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आत्मसमर्पण की अंतिम तिथि  31 जनवरी 2026 तक निर्धारित की है । इस तिथि तक आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को ही पुनर्वास पैकेज, सरकारी योजनाओं और सुरक्षा लाभ दिए जाएंगे। 31 जनवरी 2026 के बाद पुनर्वास नीति समाप्त, सुरक्षा बलों को पूरी ऑपरेशनल छूट, किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी ।


सरकार का स्पष्ट लक्ष्य

31 मार्च 2026 तक नक्सल-मुक्त भारत

गृह मंत्रालय के अनुसार, यह अभियान अब अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। जिन क्षेत्रों में नक्सल प्रभाव शेष है, वहां केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस के संयुक्त अभियान तेज किए जा चुके हैं। सरकार का संदेश साफ है हथियार छोड़िए, मुख्यधारा में आइए  या फिर क़ानून अपना काम करेगा।

क्यों अहम है यह फैसला?

नक्सल हिंसा में ऐतिहासिक गिरावट, विकास कार्यों में तेजी, बचे हुए सीमित इलाकों में निर्णायक कार्रवाई की तैयारी। यह फैसला बताता है कि सरकार अब समझौते के दौर से आगे निकलकर निर्णायक कार्रवाई के मोड में है। अब सवाल सिर्फ इतना है, आत्मसमर्पण या अंत।

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