क्या आप जानते हैं? मंडल कमिशन ने भी यह सिफारिश की थी कि आरक्षण की समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा था कि आरक्षण अनंतकाल के लिए नहीं होना चाहिए, क्योंकि अगर कोई वर्ग हमेशा के लिए पिछड़ा बना रहे, तो आरक्षण का उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है। मंडल कमिशन ने यह भी कहा था कि केवल जाति के आधार पर पिछड़ा घोषित करना संविधान के आर्टिकल 15 के खिलाफ है। उनके अनुसार, पिछड़ेपन में गरीबी और जाति दोनों का योगदान होता है।
भीमराव आंबेडकर ने भी कहा था कि हर 10 वर्षों में आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। आरक्षण पर मचे बवाल के बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी है।
Breaking News: मंडल कमिशन और आंबेडकर के आरक्षण पर विचार, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का बड़ा बयान
