नई दिल्ली । राम जन्मभूमि मुकदमे में नि:शुल्क पैरवी कर चर्चा में आए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने एक बड़ा और राजनीतिक-धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि काशी और मथुरा में भी मंदिर निर्माण का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही करेंगे। यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
हरिशंकर जैन का बड़ा दावा लिखकर रख लीजिए…”
वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन लंबे समय से काशी और मथुरा से जुड़े मुकदमों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि लिख कर रख लीजिए… काशी और मथुरा में भी मंदिरों का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी जी ही करेंगे। उनका यह बयान सीधे तौर पर संकेत देता है कि आने वाले समय में इन दोनों धार्मिक स्थलों पर चल रहे कानूनी और पुरातात्विक विवादों का समाधान भी राम मंदिर की तरह किसी बड़े निर्णय के रूप में सामने आ सकता है।
राम मंदिर केस में निभाई थी ऐतिहासिक भूमिका
हरिशंकर जैन हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वर्षों तक लड़ते रहे। उन्होंने कई चरणों में राम जन्मभूमि मामले की नि:शुल्क वकालत की। उनकी कानूनी टीम ने राम मंदिर के पक्ष में अहम दस्तावेज, प्राचीन रिकॉर्ड और पुरातात्विक साक्ष्य अदालत के सामने रखे। सुप्रीम कोर्ट के एतिहासिक फैसले के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। उसी अनुभव और आत्मविश्वास के आधार पर वे काशी विश्वनाथ–ज्ञानवापी और मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के समाधान को भी निकट भविष्य से जोड़ रहे हैं।
राजनीतिक और धार्मिक चर्चा तेज
हरिशंकर जैन के बयान के बाद हिंदू संगठनों ने इसे आस्था का प्रतीक बताया, विपक्ष ने इसे राजनीतिक वक्तव्य करार दिया, वहीं सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेज़ी से ट्रेंड कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान आने वाले समय में काशी और मथुरा से जुड़े मामलों में नए राजनीतिक और कानूनी संकेत पैदा कर सकता है।
राम मंदिर केस मुफ्त में लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन का बड़ा बयान काशी और मथुरा में भी शिलान्यास मोदी जी ही करेंगे
