दिल्ली में बड़ा मानव तस्करी गिरोह बेनकाब: 17 वर्षीय नाबालिग का फर्जी आधार बनाकर कर रहे थे लड़कियों की ट्रैफिकिंग, NHRC सदस्य प्रियंक कानूनगो की सूचना पर बचाए गए 12 बच्चे

नई दिल्ली । दिल्ली में मानव तस्करी का एक संगठित और खतरनाक नेटवर्क उजागर हुआ है। यह गिरोह न केवल नाबालिगों को फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए वयस्क दिखा रहा था, बल्कि उन्हें दूसरी लड़कियों की तस्करी में ‘हैंडलर’ के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) की सदस्य प्रियंक कानूनगो की तत्परता से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर 12 नाबालिगों को मुक्त कराया है, जिनमें 8 लड़कियां शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन में उस मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो प्लेसमेंट एजेंसी के नाम पर नाबालिग बच्चों की तस्करी कर रहा था। इस गैंग ने 17 वर्षीय बच्ची का फर्जी आधार कार्ड बनवाकर उसकी उम्र 20 वर्ष दर्शाई थी। इसके बाद उसे झूठे दस्तावेजों के आधार पर घरेलू नौकरानी बनाकर भेजा गया और तस्करों ने उसे ही दूसरी लड़कियों को फंसाने व उनकी ट्रैफिकिंग कराने का ‘माध्यम’ बना दिया।
सूत्रों के अनुसार, ये तस्कर झारखंड, बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों से गरीब परिवारों की बच्चियों को नौकरी का झांसा देकर दिल्ली लाते थे। वहीं, फर्जी पहचान पत्र बनवाने वाले गिरोह भी इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। ऐसे फर्जी आधार कार्ड देश की आंतरिक सुरक्षा और पहचान प्रणाली के लिए गंभीर खतरा माने जा रहे हैं।
NHRC सदस्य प्रियंक कानूनगो ने इस पूरे प्रकरण पर चिंता जताई है और कहा कि बच्चों की तस्करी मानवता के खिलाफ अपराध है, इसमें शामिल हर व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
				


