गुवाहाटी। असम सरकार ने एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में बहुविवाह निषेध कानून (Prohibition of Polygamy Act) पारित कर दिया है। नए कानून के तहत अब असम में कोई भी व्यक्ति—चाहे वह किसी भी धर्म, समुदाय या मजहब से संबंध रखता हो—एक से अधिक विवाह नहीं कर सकेगा। ऐसा करने पर इसे दंडनीय अपराध माना जाएगा।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लंबे समय से बहुविवाह समाप्त करने की दिशा में कड़ा रुख अपनाया था। सरकार का दावा है कि यह कानून समान नागरिक अधिकार, महिलाओं की सुरक्षा और परिवारिक शोषण रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। प्रस्तावित बिल को विधानसभा में व्यापक चर्चा के बाद बहुमत से मंजूरी मिल गई।
कानून के अनुसार बहुविवाह करने वाले व्यक्तियों पर सख्त दंड, जुर्माना और कारावास की व्यवस्था होगी। सरकार का मानना है कि यह कदम राज्य में महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और आधुनिक पारिवारिक ढांचे को मजबूत करेगा।
असम सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह कानून किसी धर्म विशेष पर नहीं, बल्कि सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होगा—चाहे वे हिंदू हों, मुस्लिम, ईसाई या किसी अन्य समुदाय से हों।
इस निर्णय के बाद असम देश का वह राज्य बन गया है, जिसने बहुविवाह पर प्रतिबंध को कानूनी रूप से लागू करके राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा संदेश दिया है।
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बिग ब्रेकिंग: असम में बहुविवाह निषेध कानून पास, अब किसी भी धर्म में एक से अधिक विवाह करना अपराध
