भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने डिजिटल अरेस्ट कर भिलवाड़ा से दो साइबर ठगों को किया गिरफ्तार, 68.49 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी में अब तक 10 आरोपी गिरफ्तार

भोपाल, मध्यप्रदेश। भोपाल की साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने एक बड़े ऑनलाइन ठगी के मामले में दो और साइबर ठगों को डिजिटल अरेस्ट कर राजस्थान के भिलवाड़ा जिले से गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई ऑनलाइन बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे साइबर अपराधों के विरुद्ध की गई व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है। अब तक इस हाई-प्रोफाइल केस में कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
साइबर क्राइम की यह बड़ी कार्रवाई पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायणाचारी मिश्र, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री पंकज श्रीवास्तव एवं पुलिस उपायुक्त (अपराध) श्री अखिल पटेल के निर्देश पर अति. पुलिस उपायुक्त श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान व सहायक पुलिस आयुक्त श्री सुजीत तिवारी तथा प्रभारी निरीक्षक श्री सुनील मेहर के मार्गदर्शन में की गई।
क्या था मामला? ऐसे रची गई ऑनलाइन धोखाधड़ी की साजिश
भोपाल निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई कि उसे एक अज्ञात कॉलर ने FedEx कंपनी का कर्मचारी बनकर बताया कि उसके नाम से मुंबई से ताइवान के लिए एक ड्रग्स का पार्सल भेजा गया है। इसके बाद स्काइप कॉल पर मुंबई क्राइम ब्रांच का फर्जी DCP बनकर आरोपी ने वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाया और मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा आरोप लगाकर कुल ₹68.49 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी कर ली।
शिकायत की जांच में सामने आया कि यह पूरा मामला संगठित साइबर ठगी और बैंक खातों की खरीद-बिक्री से जुड़ा हुआ है।
ठगी का तरीका (Modus Operandi): फर्जी खाते और टेलीग्राम नेटवर्क के जरिये बैंक फ्रॉड
इस संगठित गिरोह ने AU स्मॉल फाइनेंस बैंक में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से खाता खुलवाया। आरोपी राजेन्द्र मीणा ने फर्जी पहचान के आधार पर यह खाता खुलवाया और उसे नमो नारायण मीणा को ₹1.5 लाख में बेच दिया।
इसके बाद यह खाता विशाल भट्ट और उसके भाई यशपाल भट्ट तक पहुंचा, जिन्होंने इसे टेलीग्राम के माध्यम से साइबर ठगों को बेचा। ये लोग ट्रांजेक्शन के 15-20% कमीशन पर खाते बेचते थे। इस नेटवर्क का इस्तेमाल विदेशों में बैठे ठग भारत में फ्रॉड मनी ट्रांसफर के लिए करते थे।
अब तक गिरफ्तार हुए आरोपी: साइबर ठगी गिरोह का खुलासा
हाल में गिरफ्तार किए गए आरोपी:
पहले गिरफ्तार आरोपी:
1. राजेन्द्र मीणा (सवाई माधोपुर, राजस्थान): फर्जी खाता खोलने वाला
2. लोकेश सैनी (बैंक कर्मचारी, जयपुर): खाते के वैरिफिकेशन में सहयोगी
3. अब्दुल कादर (केरल): कैश निकालकर अन्य आरोपी को सौंपने वाला
4. अब्दुल रहमान (केरल): कैश को एक ठग से दूसरे तक पहुंचाने वाला
5. नमो नारायण मीणा (राजस्थान): खाता खरीदकर आगे बेचने वाला
6. द्रुबाडाला सिका (उड़ीसा): खाता धारक
7. रोहित तुरूक (उड़ीसा): खाता खरीदने व बेचने वाला
8. मोहम्मद शाफी (केरल): फर्जी खातों से फ्रॉड राशि निकालने वाला
साइबर अपराध पर भोपाल पुलिस की बड़ी सफलता
भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि ऑनलाइन फ्रॉड, साइबर ठगी, डिजिटल अरेस्ट स्कैम और बैंक फ्रॉड जैसी घटनाओं के पीछे एक संगठित और तकनीकी रूप से दक्ष गिरोह काम कर रहा है, जो पूरे देश और विदेश में फैला हुआ है।
जांच टीम: निरीक्षक सुनील मेहर, उनि सुनील रघुवंशी, प्रआर. आदित्य साहू, दीपक चौबे, मोहित शर्मा, लालजीत बरेलिया, जितेन्द्र मेहरा, अजीत राव लहरी।