Letest sexi vedio’प्लेजर मैरिज’ का चलन: 4 दिनों के लिए मिलती है पत्नी, सुहागरात के बाद हो जाता है तलाक, जानें वजह

दुनिया में एक देश (Indonesia Pleasure Marriage) ऐसा वहां अजीबोगरीब प्रथा तेजी से उभर रही है, जिसे ‘प्लेजर मैरिज’ या ‘निकाह मुताह’ कहा जाता है। इस प्रथा के तहत विदेशी पर्यटकों को कुछ दिनों के लिए अस्थायी पत्नी मिलती है, जिससे वे ट्रिप के दौरान शादी करते हैं और यात्रा खत्म होते ही तलाक दे देते हैं। इस प्रथा के पीछे आर्थिक मजबूरी और दलालों का नेटवर्क अहम भूमिका निभा रहा है।

क्या है ‘प्लेजर मैरिज’?
Indonesia Pleasure Marriage
इंडोनेशिया के पहाड़ी इलाके Puncak में ‘प्लेजर मैरिज’ का चलन तेजी से बढ़ रहा है। यहां 17 से 25 साल की लड़कियों को विदेशी पर्यटकों से कॉन्ट्रैक्ट मैरिज (समझौता शादी) के लिए तैयार किया जाता है। इन शादियों की अवधि सिर्फ 4 दिन या उस पर्यटक की यात्रा के खत्म होने तक होती है। इस दौरान महिला एक विवाहित पत्नी की तरह रहती है और पति की सभी जरूरतों का ध्यान रखती है।

पर्यटकों की पसंद बन रहा ‘तलाकशुदा गांव’

Puncak क्षेत्र को अब ‘तलाकशुदा गांव’ के नाम से भी जाना जाने लगा है, क्योंकि यहां अस्थायी विवाह के बाद युवतियों को तलाक देकर छोड़ दिया जाता है। हाल ही में, 50 वर्षीय व्यक्ति ने 17 साल की लड़की से होटल में शादी की और इसके बदले 850 डॉलर (करीब 70,000 रुपये) का दहेज दिया। शादी के कुछ दिनों बाद ही उसने तलाक देकर सऊदी अरब लौट गया।

प्रथा को बढ़ावा दे रहे दलाल

इस अवैध प्रथा को बढ़ावा देने के लिए दलाल और एजेंट सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। ये एजेंट लड़कियों को पर्यटकों से मिलवाते हैं, शादी तय करवाते हैं और इसके बदले मोटी रकम वसूलते हैं। हालांकि, इंडोनेशिया की सरकार इस प्रथा को अवैध मानती है, लेकिन अभी तक इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।

युवतियां क्यों जुड़ रही हैं इस प्रथा से?

आर्थिक तंगी और गरीबी के कारण कई युवतियां इस प्रथा में लिप्त हो रही हैं। स्थानीय लोग इसे एक बड़े उद्योग की तरह देखते हैं, जहां लड़कियों का शोषण हो रहा है। इसके कारण Puncak का नाम अब “तलाकशुदा गांव” पड़ गया है, क्योंकि यहां अस्थायी शादियों के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं तलाकशुदा बनकर रह जाती हैं।

कानूनी स्थिति और सामाजिक प्रभाव

हालांकि, इंडोनेशिया में इस प्रकार की शादियों को लेकर विवाद जारी है। सरकारी कानून इसे अवैध मानते हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर इस प्रथा पर कोई रोक नहीं है। इस प्रथा के बढ़ने से न केवल महिलाओं का शोषण हो रहा है, बल्कि इससे क्षेत्र की छवि भी धूमिल हो रही है।

इंडोनेशिया में इस प्रथा को खत्म करने के लिए जागरूकता और सख्त कानूनी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि महिलाओं को इस शोषण से बचाया जा सके और उन्हें बेहतर जीवन जीने का अधिकार मिल सके।

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