
भोपाल, मध्य प्रदेश। शाह बानो केस जिसने 1980 के दशक में भारतीय राजनीति और समाज को झकझोर दिया था, अब फिर सुर्खियों में है। शाह बानो की बेटी ने फिल्म ‘हक़’ की रिलीज़ पर रोक लगाने के लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। उनका कहना है कि यह फिल्म उनकी माँ की वास्तविक पीड़ा और संघर्ष का व्यावसायीकरण करती है, जिससे परिवार को भावनात्मक आघात और सामाजिक नुकसान हो रहा है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि फिल्म के निर्माताओं ने शाह बानो के नाम कहानी और संघर्ष का उपयोग बिना अनुमति किया है और फिल्म के ट्रेलर में दिखाए गए दृश्य उनकी माँ की गरिमा को ठेस पहुँचाते हैं। बेटी का कहना है कि जिस औरत की आवाज़ को उस दौर में दबा दिया गया था, आज उसकी बेटी पर चुप रहने का दबाव बनाया जा रहा है।
यह मामला न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम निजता के अधिकार की बहस को फिर से सामने ला रहा है, बल्कि समाज में महिलाओं की आवाज़ और अस्मिता के सवाल को भी नए सिरे से उभार रहा है।
हाईकोर्ट जल्द ही इस पर सुनवाई करेगा। फिल्म ‘हक़’ कथित रूप से शाह बानो केस पर आधारित बताई जा रही है, जो तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को लेकर देश के इतिहास का एक अहम मुकदमा था।
				


