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बकतरा के प्राइवेट गोदाम में 30 करोड़ का गेहूँ खराब, लापरवाही के लिए दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग

गोदाम मालिक की लापरवाही से 30 करोड़ का गेहूँ खराब।
–  वरिष्ठ कर्मचारी नेताओं द्वारा निष्पक्ष जांच और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की अपील।
–  खराब गेहूँ को ओबेदुल्लागंज गोदाम में स्थानांतरित करने का प्रयास।

भोपाल, मध्यप्रदेश: सेमी गवर्नमेंट एम्प्लाइज फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष अनिल बाजपेई और अर्द्ध शासकीय अधिकारी कर्मचारी सार्वजनिक उपक्रम संघ के प्रांताध्यक्ष अरुण वर्मा ने बकतरा के प्राइवेट गोदाम में गोदाम मालिक की लापरवाही के कारण 30 करोड़ रुपए के गेहूँ के खराब होने का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि समर्थन मूल्य पर खरीदा गया यह गेहूँ तीन साल से जमा था, लेकिन गोदाम मालिक की लापरवाही के कारण इसे समय-समय पर देखरेख और दवाइयों का छिड़काव नहीं किया गया, जिससे गेहूँ में कीड़े और घुन लग गए।

गोदाम की स्थिति:
सूत्रों के अनुसार, खराब गेहूँ को आनन-फानन में ओबेदुल्लागंज गोदाम में जमा कराया गया, लेकिन इसे साफ कराने में एक करोड़ बीस लाख रुपए का खर्च आ रहा है। इसके बाद भी यह गेहूँ खाने योग्य नहीं रहेगा। वरिष्ठ कर्मचारी नेता अनिल बाजपेई और अरुण वर्मा ने प्रमुख सचिव खाद्य एवं प्रबंध संचालक से अनुरोध किया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और प्राइवेट गोदाम मालिक का अनुबंध समाप्त कर उसे काली सूची में डाला जाए।

कार्रवाई की मांग:
वरिष्ठ कर्मचारी नेताओं ने दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की लापरवाही न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाती है बल्कि खाद्य सुरक्षा पर भी गंभीर प्रभाव डालती है।

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