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धीरे चलें, लेकिन निरंतर आगे बढ़ते रहें: नितिन विजय ने मानव रचना में छात्रों को सफलता और संतुलन का मंत्र दिया

फरीदाबाद।  अति-प्रतिस्पर्धी शिक्षा व्यवस्था, बढ़ता मानसिक दबाव और डिजिटल युग की चुनौतियों के बीच छात्रों को सही दिशा दिखाने के उद्देश्य से मोशन एजुकेशन, कोटा के संस्थापक एवं सीईओ नितिन विजय ने मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों से प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं, मानसिक स्वास्थ्य, तकनीक और बदलते शिक्षा परिदृश्य पर खुलकर संवाद किया।

फरीदाबाद में आयोजित संवाद सत्र में नितिन विजय ने कहा कि आज की समस्या प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि यह सोच है कि केवल दबाव से ही सफलता मिलती है। उन्होंने कहा, “व्यवस्था को ओवरवर्क से स्मार्ट वर्क की ओर बढ़ना होगा। बेहतर टाइमटेबल, नियमित मूल्यांकन, स्पष्ट लक्ष्य और काउंसलिंग को शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बनाना जरूरी है। सही दिशा में की गई तैयारी में उत्कृष्टता और मानसिक स्वास्थ्य एक-दूसरे के पूरक होते हैं।”

उन्होंने डिजिटल टूल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सोशल मीडिया के प्रभाव पर भी बात की। नितिन विजय ने स्पष्ट किया कि जानकारी और मार्गदर्शन में बड़ा अंतर है। “आज कोचिंग की भूमिका केवल पढ़ाने तक सीमित नहीं, बल्कि छात्रों को सही प्रश्न पूछने, गलतियों का विश्लेषण करने और अनुशासन विकसित करने में मदद करना भी उतना ही अहम है। सोशल मीडिया पर दिखने वाली सफलता अक्सर अधूरी सच्चाई होती है, तुलना प्रेरणा नहीं बल्कि तनाव बढ़ाती है,” उन्होंने कहा।

मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने कहा कि प्रतिस्पर्धी सफलता मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की कीमत पर नहीं आनी चाहिए। वहीं उपाध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला ने संरचित शिक्षण और अनुभवी मार्गदर्शन को छात्रों की मानसिक दृढ़ता के लिए आवश्यक बताया।

नेटफ्लिक्स सीरीज़ कोटा फैक्ट्री पर टिप्पणी करते हुए नितिन विजय ने कहा कि सही मार्गदर्शन और संतुलन के साथ कोटा जैसे शहर केवल रैंक नहीं, बल्कि जीवन की तैयारी भी सिखाते हैं।

समापन संदेश:
अपने संबोधन के अंत में नितिन विजय ने छात्रों को संदेश दिया—“धीरे चलो, लेकिन लगातार चलो। इस हाइपर-कम्पटीटिव और हमेशा-ऑनलाइन दुनिया में धैर्य सबसे बड़ी ताकत है। सफलता एक परीक्षा नहीं, बल्कि एक यात्रा है।”

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