कोलकाता, । पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। मणिपाल हॉस्पिटल, धाकुरिया ने 81 वर्षीय मरीज दुलाल कांती घोष पर देश के सबसे उन्नत डुअल-चैम्बर लीडलेस पेसमेकर का सफल प्रत्यारोपण कर हृदय चिकित्सा के क्षेत्र में नया मील का पत्थर स्थापित किया है। यह जटिल प्रक्रिया डॉ. प्रदीप भौमिक, कंसल्टेंट–इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, मणिपाल हॉस्पिटल द्वारा पूरी की गई।
मरीज को लंबे समय से सिक साइनस सिंड्रोम और गंभीर ब्रैडीकार्डिया की समस्या थी, जिसके चलते उन्हें बार-बार चक्कर और सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। पारंपरिक सर्जरी के जोखिम को देखते हुए डॉक्टरों ने अत्याधुनिक मिनिमली इनवेसिव पेसमेकर तकनीक अपनाई, जो बिना किसी सर्जिकल चीरे के मात्र 15 से 30 मिनट में सफलतापूर्वक लगाई गई।
डॉ. प्रदीप भौमिक ने बताया कि यह तकनीक बुजुर्ग और बहु-रोगी मरीजों के लिए वरदान है। इसमें टांके नहीं लगते, संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है, और इसका जीवनकाल लगभग 25 वर्ष होता है।
श्री दुलाल घोष ने कहा कि अब मैं पूरी तरह स्वस्थ और आत्मविश्वास से भरा महसूस कर रहा हूँ। मणिपाल हॉस्पिटल की टीम ने मेरा जीवन फिर से सामान्य बना दिया।
यह सफलता कोलकाता को कार्डियक केयर का अग्रणी केंद्र बनाने की दिशा में मणिपाल हॉस्पिटल्स ग्रुप की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
मणिपाल हॉस्पिटल, कोलकाता में 81 वर्षीय बुजुर्ग पर सफल डुअल-चैम्बर लीडलेस पेसमेकर प्रत्यारोपण, हृदय चिकित्सा में नई क्रांति
