भोपाल । भारत की प्रमुख टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनी भारती एयरटेल ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud) के खिलाफ अपने मिशन में महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। एयरटेल ने अपने AI-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम के जरिए सिर्फ 41 दिनों में 40 लाख से अधिक मोबाइल यूज़र्स को साइबर धोखाधड़ी से रियल टाइम में सुरक्षित किया है।
AI टेक्नोलॉजी से साइबर फ्रॉड पर लगाम
एयरटेल द्वारा विकसित यह उन्नत प्रणाली यूज़र्स को संदिग्ध लिंक, फेक कॉल्स, और धोखाधड़ी वाले ट्रांजैक्शन के खिलाफ अलर्ट करती है। इससे यूज़र्स को न केवल फाइनेंशियल फ्रॉड से बचाया जा सका, बल्कि उनके डिजिटल डेटा की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई।
एयरटेल के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा कि साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को देखते हुए हमने देशभर में AI-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन और अलर्ट सिस्टम को सक्रिय किया है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसकी सफलता से हम अन्य राज्यों में भी इसे और व्यापक रूप से लागू करेंगे।
क्या है एयरटेल का फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम?
AI और मशीन लर्निंग आधारित सुरक्षा तकनीक
संदिग्ध मोबाइल और SMS गतिविधियों की रियल टाइम मॉनिटरिंग
यूज़र्स को तत्काल अलर्ट, जिससे वे समय रहते एक्शन ले सकें
फेक UPI लिंक, OTP मांगने वाले कॉल और थर्ड पार्टी धोखाधड़ी को तुरंत ब्लॉक करना
41 दिन में 40 लाख यूज़र्स को सुरक्षा
इस तकनीक के जरिए एयरटेल ने केवल मध्य भारत (MP और CG) में:
40+ लाख ग्राहकों को संभावित धोखाधड़ी से बचाया
हजारों फेक नंबरों और मैलिशियस लिंक को ब्लॉक किया
ट्रांजैक्शन फ्रॉड से बचाने के लिए रियल टाइम मैसेजिंग और कॉल अलर्ट्स भेजे
एयरटेल ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
किसी भी अनजान लिंक या कॉल पर OTP शेयर न करें
“Airtel Thanks” ऐप पर फ्रॉड रिपोर्टिंग विकल्प का उपयोग करें
साइबर धोखाधड़ी की स्थिति में 1930 या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें
भारत में साइबर सुरक्षा का बढ़ता महत्व
भारत में UPI फ्रॉड, फिशिंग, OTP स्कैम, और कॉलर ID स्पूफिंग जैसे मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में एयरटेल जैसी कंपनियों की सक्रिय भूमिका डिजिटल इंडिया के सुरक्षित भविष्य के लिए जरूरी है।
एयरटेल की साइबर फ्रॉड पर सख्त कार्रवाई: MP और छत्तीसगढ़ में 40 लाख यूज़र्स को रियल टाइम सुरक्षा
