भोपाल में जिम्मेदार ऋण व्यवहार का उदय: होम क्रेडिट की स्टडी हाउ इंडिया बोरोज़ 7.0 में बड़ा खुलासा

भोपाल, । देश के निम्न-मध्यम वर्ग के वित्तीय व्यवहार और क्रेडिट उपयोग पैटर्न पर आधारित अग्रणी उपभोक्ता वित्त कंपनी होम क्रेडिट इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट ‘हाउ इंडिया बोरोज़ 7.0’ ने चौंकाने वाले और सकारात्मक रुझान सामने रखे हैं। अध्ययन दिखाता है कि भोपाल जैसे टियर-2 शहर अब जिम्मेदार ऋण लेने, डिजिटल बैंकिंग अपनाने और क्रेडिट को जीवन उन्नति का साधन बनाने में सबसे आगे हैं।
भोपाल देश में सबसे ज़िम्मेदार उधार लेने वाला शहर
रिपोर्ट में भोपाल ने कई पैमानों पर देश के प्रमुख शहरों को पीछे छोड़ते हुए उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। 63% उधारकर्ता EMI की वहनीयता की पूरी जाँच करते हैं — यह देश में सबसे अधिक है। 48% लोग समय से पहले ऋण चुकाने को प्राथमिकता देते हैं, जिससे उनकी क्रेडिट अनुशासन की समझ झलकती है। 54% द्वारा मोबाइल बैंकिंग अपनाना डिजिटल वित्तीय समावेशन की दिशा में बड़ी प्रगति दर्शाता है। । 56% का मानना है कि क्रेडिट ने उनके जीवन लक्ष्यों को संभव बनाया, जो अन्यथा उनकी पहुंच से बाहर थे।
ये आँकड़े बताते हैं कि भोपाल के लोग अब क्रेडिट का उपयोग केवल आवश्यकता के लिए नहीं, बल्कि रणनीतिक वित्तीय उन्नति के लिए कर रहे हैं।
क्रेडिट से आकांक्षा तक: भारत में उधार लेने की सोच में बड़ा बदलाव
स्टडी बताती है कि भारत का निम्न-मध्यम वर्ग अब उधार को ‘सुरक्षा कवच’ नहीं, बल्कि उन्नति का साधन मान रहा है। श्रेणीवार प्रमुख कारण 46% – स्मार्टफोन व होम अप्लायंसेज़, 25% – व्यवसाय विस्तार/स्टार्टअप (2024 के 21% से बड़ा उछाल), 12% – घर नवीनीकरण/निर्माण, 4% – शिक्षा, 2% – विवाह, 4% – वाहन ऋण विशेष रूप से उद्यमिता के लिए क्रेडिट माँग में वृद्धि भारत में आर्थिक आत्मनिर्भरता की लहर को दर्शाती है।
डिजिटल फाइनेंस की बढ़ती ताकत: महिलाएँ और युवा आगे
डिजिटल साक्षरता और ऑनलाइन वित्तीय सेवाओं का उपयोग अब भारत के उधार पैटर्न को बदल रहा है। मोबाइल बैंकिंग उपयोग कुल उधारकर्ता: 65%, भोपाल: 54%।
महिलाएँ: तेजी से डिजिटल सुविधा अपना रहीं हैं ऑनलाइन खरीदारी, महिलाओं में 66%, पुरुषों में 55%, जेन Z और मिलेनियल्स शीर्ष उपयोगकर्ता, इंटरनेट बैंकिंग, जेन Z – 51%, मिलेनियल्स – 49%, चेन्नई व दिल्ली NCR शीर्ष शहर साथ ही 57% लोग वित्तीय साक्षरता सीखने में रुचि दिखा रहे हैं, यह भविष्य के डिजिटल वित्तीय विकास का संकेत है।
ऋण निर्णय: विश्वास, वहनीयता और पारदर्शिता अहम
उधारकर्ता अब भावनाओं पर नहीं, बल्कि तर्क और तुलना के आधार पर निर्णय ले रहे हैं 46%, पहले EMI की वहनीयता देखते हैं। 33%, परिवार/मित्र से सलाह लेते हैं 31%, क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं
उधारकर्ता क्या देखते हैं? ब्याज दरें और कुल पुनर्भुगतान — 46%, तेज़ वितरण — 38%, लचीले क्लोजर विकल्प — 37%
दिलचस्प रुझान
66% लोग विश्वसनीय ऋणदाता को ही चुनते हैं, भले ही EMI थोड़ी अधिक हो। दक्षिण में क्रेडिट स्कोर जागरूकता अधिक है (बेंगलुरु 70%)। भोपाल EMI जागरूकता में देश में शीर्ष पर है (63%)।
भारत तेजी से डिजिटल-फर्स्ट लोन की ओर: ऑनलाइन माध्यम बना पहली पसंद
51% लोग ऑनलाइन लोन लेते हैं — POS और बैंक विज़िट (30%) को पीछे छोड़ते हुए मिलेनियल्स और जेन Z सबसे आगे उत्तर भारत — 59% के साथ शीर्ष पर प्रमुख डिजिटल लोन शहर चंडीगढ़ – 42%, बेंगलुरु – 41%, अहमदाबाद – 41%
एम्बेडेड फाइनेंस: भविष्य का स्मार्ट क्रेडिट सिस्टम
एम्बेडेड लेंडिंग जहां क्रेडिट डिजिटल प्लेटफॉर्म में सीधे इंटीग्रेटेड मिलता है, तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। 49% उधारकर्ता एम्बेडेड फाइनेंस में रुचि रखते हैं। महिलाओं और युवा वर्ग में अपनापन ज्यादा सर्वाधिक वृद्धि दक्षिण में (49%) ईएमआई कार्ड का उपयोग सबसे तेज बढ़ रहा है, 65% उधारकर्ता इन्हें प्राथमिकता दे रहे हैं
उधार से सफलता तक: भारत का नया वित्तीय आत्मविश्वास
आने वाले समय के सबसे बड़े लक्ष्य 34% — व्यवसाय शुरू करना/विस्तार, 28% — घर खरीदना, पुरुष व्यवसाय उन्मुख हैं, जबकि महिलाएँ घर खरीदने को प्राथमिकता देती हैं।
होम क्रेडिट इंडिया का दृष्टिकोण
कंपनी के CMO आशीष तिवारी के अनुसार भारत की क्रेडिट संस्कृति में बड़ा बदलाव आया है, अब लोग ज़रूरत के लिए नहीं, बल्कि सफलता और प्रगति के लिए उधार ले रहे हैं। जेन Z, मिलेनियल्स, महिलाएँ और छोटे शहर डिजिटल क्रेडिट क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य हर उधारकर्ता को पारदर्शी और सशक्त वित्तीय यात्रा प्रदान करना है, ताकि उनकी #जिंदगीहिट बने।



